बुद्धि पर विश्वास का नाम कुमार विश्वास
बुद्धि पर विश्वास का नाम कुमार विश्वास
रीवा के प्रतिष्ठित विद्यालय सेंट्रल एकेडमी ने अपने 40 वर्ष पूर्ण करने के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम रखा। उस कार्यक्रम का मुख्य भाग था कवि सम्मेलन ।वह भी कुमार विश्वास और दो अन्य कवियों संपत सरल और हेमंत पांडे का। जाहिर है मुख्य आकर्षण कुमार विश्वास ही हैं। कवि लेखक किसी न किसी रूप में जनता की बात अपने माध्यम से उन लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करता रहता है जहां उसे पहुंचना चाहिए इस कार्यक्रम में भी संपत सरल और कुमार विश्वास ने कविता के माध्यम से वर्तमान राजनीति को भी छुआ ।अच्छाई बुराई और सुधार पर कवि अपनी तरह से व्यवहार कर लेता है। भाजपा कांग्रेस आम आदमी तथा अन्य दलों पर स्वास्थ्य प्रहार सुधार के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करते हुए कुमार विश्वास ने अपनी बातें भी कह दी और किसी को बुरी भी नहीं लगी। यही तो कवि की कलम और काव्य पाठ की ताकत है ।कवि लेखक ऊपर से सरल लगते हैं लेकिन समय की धारा बदलने में यही सक्षम होते हैं। बड़े-बड़े ताकतवर को भी पता ही नहीं चलता और कवि समाज की धारा दिशा बदल देता है। कार्यक्रम की भारी भीड़ मे मोदी की तारीफ और न्याय संगत सुझाव कुमार विश्वास अपनी कविताओं के माध्यम से दे गए। मंच के सामने बैठे नेताओं को बुरा भी ना लगे और नसीहत भी कुमार विश्वास ने अपनी कविताओं के माध्यम से दे दिया ।मोदी ब्रांड है निश्चित रूप से बिक रहा है लेकिन भाजपा के नेता केवल इसी के भरोसे ना रहें यह भी कह गए और समय सबका एक जैसा नहीं रहता है ।सरकारें आती जाती रहती हैं देश रहना चाहिए अटल जी की इस कविता के माध्यम से कुमार विश्वास ने सभी दलों और नेताओं को नसीहत दे दी.
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू ”
03 दिसंबर 2022
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