कृषि क्षेत्र की मजबूती के लिए लगातार सफर तय करना होगा
कृषि क्षेत्र की मजबूती के लिए लगातार सफर तय करना होगा
सरकार कृषि को लाभ का कार्य बनाना चाहती है इससे तो साफ पता चलता है कि कृषि कार्य लाभ वाला नहीं है। कृषि क्षेत्र में जो भी सुधार कार्य किए जाते हैं वह ऊंट के मुंह में जीरा जैसे हो जाता है। जैसे ही सरकार समर्थन मूल्य बढ़ाती है वैसे ही लागत भी बढ़ जाती है। गांव-गांव में परिवार छोटे होते जा रहे हैं जोत छोटी होती जा रही हैं कृषि कार्य करने के लिए आदमी नहीं मिलते। जिनके पास जमीन है वह अकेले कृषि कार्य कर नहीं सकते जिनके पास नहीं वह कृषि करना नहीं चाहते। क्योंकि इसमें मेहनत ज्यादा है बाकी सरकार मुफ्त दे ही देती है ।आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल करने पर पैसा ज्यादा लगता है कुल मिलाकर खेती करना एक मजबूरी है। मैंने कृषि को नजदीक से देखा और अगर किसान परिवार बीमार पड़ जाता है तो उसकी हालत खराब हो जाती है। परिवार नियोजन ने परिवार तो छोटे कर दिये लेकिन अब परिवार मे काम करने वाले हाथ कम पड़ गए।
अगर समर्थन मूल्य सरकार बढ़ाती है तो डीजल के भी भाव बढ़ जाते हैं कुल मिलाकर. खन-पाट बराबर हो जाता है। गर्मी, बरसात, ठंड और अधियारी रात कृषि को कठिन बनाते हैं। इसके बाद अगर किसी अन्न का भाव बढ़ता है तो सरकार की जिम्मेदारी बन जाती है कि उसका भाव रोके। व्यापारी का अनावश्यक लाभ रुकता है लेकिन किसान का लाभ भी रुक जाता है ।कीमत बढ़ने पर किसान और व्यापारी दोनों को लाभ होगा लेकिन कीमत ना बढ़े इससे सरकार को। कपड़े की कीमत गाड़ी की कीमत घर की कीमत लोहे की कीमत ससौंदर्य प्रसाधन की कीमत कुछ भी बढ़ सकती है लेकिन खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ने पर हाहाकार मच जाता है। सरकार खाद्यान्नों का बफर स्टाक रखती है ।कीमत बढ़ते ही कीमतों को कम करने के लिए सरकार अपना स्टाक बाजार मे उतार देती है। सरकार को घाटे का डर नहीं रहता उसका ध्यान तो केवल भाव को स्थिर रखने पर रहता है।कृषि को लाभ का धंधा बनाया नही जा सकता किसान कृषि कार्य करता रहे इसको बनाए रखना होगा। जानवरों से उसकी फसल की रक्षा हो ऐसी व्यवस्था करनी होगी। बिजली पानी की व्यवस्था सुलभ हो यह देखना होगा। सरकारी योजनाएं बिना भ्रष्टाचार के किसान तक पहुंचे इस पर काम करना होगा और यह कार्य सतत करते रहने वाले हैं ।क्योंकि अन्न की कीमत मानवीय आधार के कारण एक स्तर से ज्यादा बढ़ाई नहीं जा सकती इसलिए कृषि के सहायक अंगों को मजबूत करते रहना होगा। सारे प्रयास इस दिशा में रखने होंगे कैसे कृषि की लागत कम रहे और कृषि योजनाओं का सीधा लाभ किसान को मिले।
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू “
31 जनवरी 2022
Facebook Comments