लालू का इलाज बिहार मे क्यों नहीं ?

लालू के लिए स्वास्थ्य सुविधा बिहार में क्यों नहीं

 लालू की बेटी ने लालू को अपनी एक किडनी देकर  उनके जीवन की रक्षा  की है ।इसकी सभी तारीफ कर रहे हैं।  तारीफ  होनी भी चाहिए अच्छे कार्य के लिए प्रोत्साहन जरूरी है। लालू की बेटी सिंगापुर में रहती है इसलिए सिंगापुर में ही ऑपरेशन कराया गया यह भी ठीक बात है लेकिन सवाल आता है बिहार की स्वास्थ सेवाओं पर।  देश के स्वास्थ्य सेवाओं पर।
 लालू लोग गरीबों के मसीहा बनकर राजनीति में आए थे आज खुद का इलाज तो सिंगापुर में हो रहा है लेकिन बाकी बिहार की जनता को क्या मिल रहा है यह वहां की जनता ही जानती है। गरीब हमेशा अमीर को कोसता है अपनी कमियों को नहीं। वह इसलिए अमीर को कोसता है कि वह भी अमीर बनना चाहता है ।अमीरों से उसकी कोई लड़ाई नहीं खुद अमीर नहीं है इसलिए अपने सामने वाले अमीर को कोसता है। अमीरी गरीबी का अनुपात भी कुछ ऐसा होता है कि ज्यादा लोग गरीब होते हैं कम लोग अमीर । अब जब कोई गरीबों का मसीहा नेता बनकर अमीरों को कोसता है और टके सेर भाजी टके सेर खाजा का सपना दिखाता है। और जब वह सपना दिखाता है कि आज जो कारखाना अमीर का है,जो बगला, जमीन अमीर का है कल तुम्हारा हो जाएगा। अमीर को लुटेरा दुष्ट बताकर ऐसे गरीबों के मसीहा अपनी रोटी सेक लेते हैं और गरीबों के हित की बात करने वाले ऐसे नेताओं की गरीबी कुछ दिनों में दूर हो जाती अब वह खुद तो अमीर हो जाता है लेकिन जिस भीड़ को उसने अमीरों के खिलाफ उकसाया  था वह आज भी उसी हालत में रह जाती है ।
 अगर लालू जैसे नेताओं ने ईमानदारी से देश के लिए काम किया होता तो आज उन्हें सिंगापुर में इलाज न करवाना पड़ता है ।पटना बिहार के किसी जिले मे यह काम हो जाता। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो या अन्य किसी क्षेत्र में प्रतिभा की हत्या करके इन गरीबों के मसीहा नेताओं ने भारत को हमेशा के लिए पीछे धकेला है। आरक्षण के दम पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं बढ़ाई जा सकती है न ही  स्वस्थ की जा सकती है।  जब यह नेता बीमार पड़ते हैं तो कहीं का भी कोई नेता सरकारी अस्पताल में अपना अपने परिवार का इलाज नहीं कराते हैं। ऐसा ही अधिकारियों का है ।क्योंकि सरकारी को तो इन्होंने वोट बैंक के लिए इस्तेमाल लायक बना कर रखा है। और अपनी बीमारी के इलाज के लिए विदेश चले जाते हैं। प्रतिभा का पलायन नहीं योग्यता की कद्र हो तो हमारे सभी हॉस्पिटल ऐसे हो जाएं जहां कोई भी इलाज करवा सके। लालू जैसे नेताओं की अगली पीढ़ी को चाहिए कि अब तो कम से कम प्रतिभा का पलायन रुक जाए और लालू को सिंगापुर में नहीं बिहार के ही किसी जिले में इलाज करवाने की स्थिति बन जाए।

अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू “
05 दिसंबर 2023
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