कोरोना वायरस को गंभीरता से लें तथा संक्रमित व्यक्ति का प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार करें – मुख्य सचिव

कोरोना वायरस के बचाव हेतु वीडियो कान्फ्रेंसिंग संपन्न

रीवा 21 मार्च 2020. मुख्य सचिव एम. गोपाल रेड्डी ने आज कोरोना वायरस के संक्रमण एवं इसके उपचार की तत्परता के साथ व्यवस्था करने हेतु आयोजित बैठक में कमिश्नर एवं कलेक्टर को वीडियो कान्फ्रेसिंग में सम्बोधित करते हुये कहा कि कोरोना वायरस को दूर करने के लिए पूर्ण तत्परता के साथ चिकित्सक उपचार करें। इसे गंभीरता से लें इसमें लापरवाही न करें। उन्होंने कहा कि जबलपुर संभाग में अभी हाल में ही विदेश से वापस आये चार संदिग्ध मरीज पाये गये। उन्होंने कहा कि विदेश से आये हर व्यक्ति की जांच की जाय तथा वायरस की जांच हेतु नमूने लैब में भेजे जाय। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले बसों एवं अन्य माध्यमों पर प्रतिबंध लगा दिया जाये। अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर समस्त दुकानें बंद करायी जाय। उन्होंने कहा कि शासकीय अस्पतालों के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी आइसोलेशन वार्ड बनाये जाय तथा वहां के पैरामेडिकल स्टाफ को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाय। समस्त जिलों में पर्याप्त रूप से सेनेटाइजर एवं मास्क की व्यवस्था की जाय।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में रीवा स्थित एनआईसी में कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव, पुलिस उप महानिरीक्षक अनिल सिंह कुशवाह, कलेक्टर बसंत कुर्रे, जिला पंचायत के सीईओ अर्पित वर्मा, एडीशनल एसपी शिवकुमार वर्मा, अपर कलेक्टर श्रीमती इला तिवारी, मेडिकल कालेज के डीन डॉ. एपीएस गहरवार सहित जिला अधिकारी एवं चिकित्सक मौजूद थे।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने कहा कि अभी प्रदेश में कोरोना वायरस दूसरे स्टेज में है। इसे पूरी तैयारी के साथ स्टेज-3 में नहीं आने देना है अन्यथा स्टेज-3 में यह पूरी कम्युनिटी में फैलता है। उन्होंने कहा कि हर हाल में बाहर से आने वाले लोगों की स्वास्थ्य की जांच की जाय। यात्रा से वापस आने वालों की इलाज कन्टेमेंट के लिए करे। उन्होंने कहा कि सर्दी, खांसी एवं जुकाम होने पर बीमार को अस्पताल न बुलाया जाय बल्कि चिकित्सक दल स्वंय उपचार सामग्री के साथ उसके घर जाकर उपचार करें। उन्होंने बताया कि सारे मेडिकल कालेजों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया है। संक्रमित व्यक्ति की उपचार करने पर उसका व्यय आयुष्मान योजना से भुगतान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार के लिए शासकीय अस्पतालों के साथ प्राइवेट मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों को भी तैयार किया जाय। ऐसे व्यक्ति जो विदेश से आये हैं लेकिन उनमे कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं है उन्हें घर में ही रखा जाय। जिला प्रशासन के इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। इसमें लापरवाही नहीं चलेगी। जो व्यक्ति जिला प्रशासन का आदेश नहीं मानते और बाहर घूमते पाये जाय उन्हें कड़ाई के साथ उनके घर में ही रहने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सर्दी, खांसी, जुकाम के अलावा निमोनिया होने पर उसकी टेÏस्टग की जाय। कोई भी व्यक्ति घर से अस्पताल में न आये। बीमारों का उपचार घर पर ही करें। उन्होंने कहा कि जो चेक लिस्ट दी गयी है उसका कड़ाई से पालन किया जाय। अस्पतालों में बैन्टीलेटर, हाई मास्क, आक्सीजन सेलेन्डर हर समय उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों को डिस्चार्ज कर बेड खाली करायें। मेडिकल कालेज में भीड़ को हतोत्साहित करने के लिए बीमार के साथ केवल एक अटेडेंट को आने की अनुमति दें। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर उपचार करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी माकड्रिल कराये। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अस्पतालों में लाइन में खड़ा न रखें बल्कि उसे अलग ले जाकर उसका सेम्पल लें। उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर बंद करने के साथ ही जो शिक्षक घर में छात्रों को पढ़ा रहे हैं उन्हें भी बंद कराया जाय।
पुलिस महानिरीक्षक श्री विवेक जौहरी ने निर्देश दिये कि समस्त थानों में कोरोना वायरस को लेकर तुरंत एक्टिव होना है। पीड़ित व्यक्ति की सूचना प्राप्त होते ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों तक सूचना पहुंचाये। जिन जिलों में धारा 144 लगायी गयी है उसे सामान्य स्थिति में न लेकर लापरवाही न बरते। चेक प्वाइंट में चिकित्सक दल के साथ पूर्ण सहयोग करें। बैरक एवं टायलेट की मरम्मत कराकर उसे उपयोग लायक बनाये। थानों में मास्क एवं सेनेटाइजर की व्यवस्था रखें।

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