व्यक्ति की असली संपदा उसका स्वास्थ्य है – कमिश्नर डॉ. भार्गव

मेडिकल कॉलेज में व्हाइट कोट सेरेमनी का हुआ आयोजन
रीवा 17 सितम्बर 2019. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव के मुख्य आतिथ्य में शासकीय श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय में व्हाइट कोट सेरेमनी कार्यक्रम का आयोजन संपन्न हुआ। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने फाउंडेशन कोर्स पूरा कर चुके एमबीबीएस पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को व्हाइट कोट पहनाकर जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की असली संपदा उसका स्वास्थ्य है। स्वास्थ्य को बनाये रखने में डॉक्टरों की अहम भूमिका होती है। आप भविष्य के डॉक्टर हैं। इसलिए डॉक्टर होने के नाते अपने दायित्व का निर्वहन पूरी लगन, मेहनत और निष्ठा से करें। उन्होंने कहा कि आप अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद डॉक्टर बनेंगे। लोग डॉक्टरों को भगवान की तरह मानते हैं। इसलिए मरीजों की सेवा में तत्पर रहकर उनकी मदद करें। जब कोई दुख, पीड़ा और परेशानी होती है तो लोग भगवान और डॉक्टर को याद करते हैं। इसलिए डॉक्टरों का फर्ज कि वे उनके प्रति सजग रहें।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने एमबीबीएस के विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें। उन्होंने कहा कि अपने ज्ञान को निरंतर अद्यतन रखकर मंजिल तक पहुंचने की कोशिश करें। अपना कार्य पूरी लगन, मेहनत और निष्ठा से करें। उन्होंने कहा कि जिंदगी गुलाब की तरह है और गुलाब में लगे हुए कांटे कठिनाइयों के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि कठिनाइयों, समस्याओं और परेशानियों से घबराए बिना अपनी मंजिल को प्राप्त करने की कोशिश करें। कामयाबी के रास्ते में चुनौतियां एवं संघर्ष मौजूद रहता है। बहुत मेहनत के बाद जो कामयाबी हमें मिलती है उसका कोई मूल्य नहीं होता है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि सफलता वही लोग प्राप्त करते हैं जो कठिन परिस्थितियों में अपना श्रेष्ठतम प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि धन के पीछे भागने से अच्छा है कि अपने जीवन को मूल्यवान बनाएं। अपने आचार-विचार और आहार-विहार को अच्छा रखें। एक आदर्श डॉक्टर बनने की कोशिश करें। मरीजों को कोई असुविधा न होने दें। आपने जो कल्पना की थी उसे अपने व्यक्तित्व में उतारने की कोशिश करें और समाज के लिए अमूल्य संपदा के रूप में अपना श्रेष्ठतम योगदान प्रदान करें।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि हमेशा बेहतर से बेहतर कार्य करने की कोशिश करना चाहिए। सोचने समझने का दृष्टिकोण व्यापक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समुद्र के किनारे लंगर से बंधा हुआ जहाज अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है लेकिन इसमें उसकी सार्थकता नहीं है। सार्थकता इस बात में है कि हमेशा कर्म करो और आगे बढ़ो। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने विभिन्न उदाहरणों एवं प्रसंगों के माध्यम से विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने एवं सफलता प्राप्त करने की समझाइश दी। उन्होंने सांकेतिक रूप से एक छात्र एवं एक छात्रा को सफेद कोट पहनाया।
कार्यक्रम में अधिष्ठाता श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. पीसी द्विवेदी, संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ. एपीएस गहरवार, कोऑर्डिनेटर चिकित्सा शिक्षा डॉ. पीके लखटकिया, डॉ. पीजी खानवलकर सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित थे।

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