बजट का 50 प्रतिशत मजदूरों के कल्याण पर खर्च होगा
तेंदूपत्ता पारिश्रमिक बढ़कर 2000 रूपये प्रति मानक बोरा
असंगठित मजदूरों का पंजीयन एक से 14 अप्रैल तक
मुख्यमंत्री श्री चौहान का असंगठित मजदूरों को संबोधन
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का प्रदेश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य के बजट का 50 प्रतिशत हिस्सा मजदूरों के कल्याण में खर्च किया जायेगा। आज यहाँ इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि असंगठित मजदूरों के लिये क्रांतिकारी और ऐतिहासिक मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजनाबनाई गई है। इससे मजदूरों का जीवन बदल जायेगा। उन्होंने कहा कि मजदूरों के बिना दुनिया नहीं चल सकती। उनके परिश्रम से जीवन चलता है।
पंजीयन एक से 14 अप्रैल तक
श्री चौहान ने बताया कि मजदूर कल्याण योजना का लाभ लेने के लिये पंजीयन की प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू हो गई है। यह 14 अप्रैल तक चलेगी। उन्होंने कहा कि गाँवों में ग्राम पंचायतों में पंजीयन के शिविर लगेंगे और शहरों में नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं और उनके जोनल कार्यालयों में पंजीयन का काम होगा। पंजीयन के बाद मजदूरों को पंजीयन कार्ड दिया जायेगा। श्री चौहान ने सभी समाज सेवी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे पंजीयन के काम में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि मजदूरों को सिर्फ यह बताना होगा कि वे आयकर नहीं भरते। किसी सरकारी नौकरी में नहीं है और उनके पास ढाई एकड़ से ज्यादा जमीन नहीं है।
योजना के परिवर्तनकारी लाभ
श्री चौहान ने मजदूर कल्याण योजना के लाभ गिनाते हुए कहा कि मजदूर बहनों को प्रसूति सहायता के लिये 6 से 9 महीने में चार हजार रूपये उनके खाते में डाले जायेंगे। प्रसव के बाद उन्हें बारह हजार रूपये दिये जायेंगे ताकि वे खुद की और अपने बच्चे की देखभाल कर सकें। प्रसव अस्पताल में कराना होगा।
श्री चौहान ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्चा सरकार उठायेगी। यदि बच्चे कोचिंग जाना जाये तो नि:शुल्क व्यवस्था करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि मजदूरों को उन्नत औजार के लिये अनुदान दिया जायेगा। सिर्फ उन्हें औजार खरीदने का बिल जमा करना होगा और उनके खाते में तीस दिन में राशि जमा हो जायेगी। मजदूरों का इलाज नि:शुल्क किया जायेगा। उनके इलाज पर पाँच लाख तक की राशि खर्च की जायेगी। स्वास्थ्य विभाग को इसके लिये नोडल विभाग बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों के पुराने बिजली बिल फ्रीज कर दिये जायेंगे। उन्हें 200 रूपये प्रतिमाह फ्लैट रेट पर बिजली मिलेगी। सायकल रिक्शा चलाने को अमानवीय काम बताते हुए श्री चौहान ने कहा कि ऐसे रिक्शा चालकों को ई- रिक्शा दिया जायेगा। इसके लिये उन्हें अनुदान भी दिया जायेगा।
श्री चौहान ने कहा कि मजदूरों को जमीन का मालिक बनाया जायेगा। पंजीयन के बाद उन्हें पट्टे देने का अभियान चलाया जायेगा। शहरों में बहुमंजिला मकान बनाकर दिये जायेंगे। अंतिम संस्कार के लिये 5 हजार रूपये की राशि दी जायेगी। यह राशि ग्राम पंचायत या नगर पंचायत से मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी मजदूर की स्थायी अपंगता या मृत्यु की दशा में उसके परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी। आंशिक स्थायी अपंगता पर 1 लाख रूपये, स्थायी अपंगता पर रू. 2 लाख, सामान्य मृत्यु पर रू. 2 लाख और दुर्घटना में मृत्यु पर रू. 2 लाख दिये जायेंगे। दुर्घटना में मृत्यु की दशा में एफ.आई.आर. की प्रति एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र के साथ उन्हें आवेदन देना होगा।
तेंदूपत्ता पारिश्रमिक 2000 रूपये प्रति मानक बोरा
श्री चौहान ने कहा कि तेंदूपत्ता तोड़ने के कार्य में लगे मजदूरों का पारिश्रमिक 1200 रूपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 2000 रूपये प्रति मानक बोरा कर दिया जायेगा। तेंदूपत्ता बीनने जाने वालों को जूता-चप्पल, पानी की कुप्पी दी जाएगी और बहनों को साड़ी भी दी जाएगी। उन्हें वर्ष 2016 सीजन के बोनस के रूप में 207 करोड रूपये दिये जायेंगे। बोनस वितरण का शुभारंभ 19 अप्रैल को उमरिया जिले से होगा। श्री चौहान ने कहा कि महुआ फूल/महुआ गुल्ली को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जायेगा। महुआ का फूल और गुल्ली 30 रूपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदेंगे। अचार गुठली 100 रूपये प्रति किलो की दर से और साल बीज 20 पैसे प्रति नग खरीदा जायेगा। पूरे प्रदेश में मजदूर सम्मेलनों का आयोजन 17 अप्रैल को होगा। उन्होंने मजदूरों से आग्रह किया वे इस सम्मेलन में आयें और क्रातिकारी योजना का लाभ लें।