भारत नये उत्साह और ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

शिवराज सिंह चौहान

मध्यप्रदेश विकास में अग्रणी प्रदेश
खाद्य प्र-संस्करण, नवकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और पर्यटन में निवेश की व्यापक संभावनाएँ
सिंगापुर में आयोजित बिजनेस सेमीनार में मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्राचीन और महान राष्ट्र भारत आज तेजी से बदल रहा है। आर्थिक विकास दर बढ़ रही है और पॉलिसी पेरालेसिस समाप्त हुआ है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, क्लीन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अनूठे कार्यक्रम शुरू किए हैं। आज भारत नये उत्साह और ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ सिंगापुर यात्रा के तीसरे दिन प्रदेश में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिये बिजनेस सेमीनार को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश विकास के मामले में देश का अग्रणी राज्य है। प्रदेश की विकास दर लगातार सात वर्ष से दहाई अंक में है। प्रदेश की कृषि विकास दर पिछले चार वर्ष से बीस प्रतिशत से अधिक है, जो विश्व में सर्वाधिक है। प्रदेश को केन्द्र सरकार द्वारा लगातार चार वर्ष से कृषि कर्मण अवार्ड दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश में विकास का रोडमेप बनाकर कार्य किया गया है। पहले अधोसंरचना विकास पर ध्यान दिया गया। प्रदेश में एक लाख 60 हजार किलोमीटर सड़कें बनाई गई। चौबीस घंटे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गई। आज प्रदेश पॉवर सरप्लस प्रदेश बन गया है। एक दशक पहले विद्युत उपलब्धता 2900 मेगावॉट थी, जो बढ़कर 16 हजार 800 मेगावॉट हो गई है। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम हुआ है। एशिया का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट 130 मेगावॉट का प्रदेश के नीमच में लग चुका है और विश्व का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट 750 मेगावॉट का रीवा में लगने जा रहा है। प्रदेश की सिंचाई क्षमता साढ़े सात लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 36 लाख हेक्टेयर तक पहुँच चुकी है जिसे अगले पाँच वर्ष में 60 लाख हेक्टेयर तक पहुँचाया जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना नदी जोड़ो परियोजना थी। इसकी शुरूआत मध्यप्रदेश में नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना पूरी कर की गई। परियोजना से 16 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 72 शहर को पीने का पानी मिलेगा। अब केन-बेतवा नदी को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के माध्यम से पाईप लाईन के जरिये से हर खेत तक पानी पहुँचायेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब प्रदेश में औद्योगिकीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है। खाद्य प्र-संस्करण को प्राथमिकता दी जा रही है जिससे मूल्य संवर्धन होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। मध्यप्रदेश में अपार खनिज सम्पदा है। लाईम स्टोन, कोयला, आयरन ओर सहित अन्य खनिजों के भंडार हैं। इनकी प्रोसेसिंग के उद्योग प्रदेश में लग सकते हैं। प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। एशिया की सबसे बड़ी जल संरचना इंदिरा सागर मध्यप्रदेश में है। प्रदेश देश के टेक्सटाईल हब के रूप में उभर का सामने आया है। अर्बन प्लानिंग के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है। प्रदेश में निवेश मित्र वातावरण है। उद्योगों के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध है, चौबीस घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत और पानी उपलब्ध है। प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर है तथा कुशल मानव संसाधन उपलब्ध है। हमने मध्यप्रदेश में सिंगल विण्डो नहीं बल्कि सिंगल टेबल कान्सेप्ट अपनाया है। इसमें एक टेबल पर उद्योगों के लिए सभी स्वीकृतियाँ दी जायेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश के सीईओ के रूप में काम कर रहा हूँ। मध्यप्रदेश को देश और दुनिया का सबसे विकसित राज्य बनाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने इंदौर में आगामी 19 से 21 अक्टूबर 2016 तक होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए निवेशकों को आमंत्रित किया। उन्होंने उज्जैन में 22 अप्रैल से 21 मई 2016 तक होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ के लिए भी सिंगापुरवासियों को आमंत्रित किया।

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