केन्द्रीय जेल रीवा में विधिक सहायता केन्द्र का हुआ शुभारंभ
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश श्री हेमंत गुप्ता एवं असम उच्च न्यायालय गोहाटी के मुख्य न्यायाधीश श्री अजीत सिंह ने आज केन्द्रीय जेल रीवा में विधिक सहायता केन्द्र का शुभारंभ किया। इस दौरान मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश श्री एस.के. सेठ, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री सुजाय पाल, महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशक श्री सुरेन्द्र एस राठी, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री बी.एस. भदोरिया, जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री जे.के. वमार्, कमिश्नर एस.के. पाल, कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक सहित न्यायाधीशगण एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
केन्द्रीय जेल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश श्री गुप्ता ने कहा कि बंदियों की सुविधा के लिए यह केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। जिसके माध्यम से वह अपने प्रकरण की सुनवाई सहित अद्यतन जानकारी ले सकेंगे। यह केन्द्र उनके लिए मददगार साबित होगा। इसके द्वारा बंदी कानूनी हक का लाभ ले पायेंगे। इस अवसर पर बंदियों द्वारा राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत गीतों की प्रस्तुति की गई। जिसकी मुख्य न्यायाधीश ने प्रशंसा की उन्होंने कहा कि अब जेल बंदी गृह न होकर सुधार गृह बन रहे हैं। जहां बंदियों को सकारत्मकता हेतु प्रेरित किया जा रहा है।
इसके पूर्व राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निदेशक सुरेन्द्र एस राठी ने विधिक सहायता केन्द्र की जानकारी देते हुए बताया कि पैरा वालेंटियर के माध्यम से बंदी अपने प्रकरण की जानकारी ले सकेंगे। यह केन्द्र उनकी मदद हेतु सहायक होगा। इस अवसर पर जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी ने बंदियों के लिए दस दिवस माफी की घोषणा की। कार्यक्रम में वरिष्ठ कल्याण अधिकारी डी.के सारस ने जेल में संचालित विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी दी।
माडल स्कूल में शुरू हुआ विधिक साक्षरता क्लब :– विद्यालयीन छात्र-छात्राओं को विधिक प्रावधानों की जानकारी देने तथा उनकी मदद के उद्देश्य से माडल स्कूल में विधिक साक्षरता क्लब स्थापित किया गया है। इसका शुभारंभ मुख्य न्यायधीश जबलपुर उच्च न्यायालय श्री हेमन्त गुप्ता एवं मुख्य न्यायधीश गौहाटी उच्च न्यायालय श्री अजीत सिंह ने किया। इस अवसर पर मुख्य न्यायधीश श्री गुप्ता ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी मेहनत करके लक्ष्यों की प्राप्ति करें। जीवन में उच्च मुकाम को हासिल करें। कोई भी कार्य असंभव नहीं है। जरूरत है कि पूर्ण मनोयोग व इच्छाशक्ति के साथ उसे पाने का प्रयास किया जाय। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह क्लब छात्रों को कानूनी मदद देने एवं अन्य कानून संबंधी जानकारी हासिल करने में सहायक होगा। कार्यक्रम में न्यायाधीशगण, प्रशासनिक अधिकारी सहित विद्यालय के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।