विकास का नया मार्ग ‘अंतर्देशीय जलमार्ग’- केंद्रीय परिवहन मंत्री
असम में केंद्रीय सड़क परिवहन तथा जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को माजुली में नियमित माल ढुलाई परिवहन वाहन को रवाना किया। यह पांडु से धुबरी के रास्ते अंतर्देशीय जलमार्ग के जरिए आवाजाही करेगा। दोनों नेताओं ने माजुली को बाढ़ और कटाव से बचाने के लिए कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
शुक्रवार का दिन अंतरदेशीय जलमार्ग परिवहन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहा। असम के माजुली में सागरमाला परियोजना के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 2 पर मालवाहक जहाज को शुक्रवार को केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह जहाज 400 टन सीमेंट लेकर पांडु बंदरगाह से 255 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धुबरी के लिए रवाना हुआ।
राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या संख्या 2 के जरिए पांडु से धुबरी तक माल परिवहन से हर फेरे में सड़क परिवहन के डेढ लाख टन किलोमीटर की और माल की लागत कम करने में 300 किलोमीटर सड़क यात्रा की बचत होगी।
दरअसल जलमार्गों को प्राकृतिक पथ कहा जाता है। भारत के पास 14,500 किमी जलमार्ग है लेकिन अभी तक इसका समुचित उपयोग नहीं हो पाया है। पहली बार प्रधानमंत्री की पहल पर भारत के जलमार्गों का विकास सरकार के खास एजेंडे पर है। जलमार्गों के लिए तमाम नई विकास परियोजनाएं शुरु करते हुए कायाकल्प की योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी में हैं।
अगर ऐसा होता है तो परिवहन क्षेत्र में एक क्रान्ति देखने को मिलेगी और भारी दबाव से जूझ रहे सड़क और रेल परिवहन तंत्र को भी काफी राहत मिलेगी। अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने माजुली द्वीप के किनारों के संरक्षण कार्य की आधारशिला भी रखी।
जलमार्ग के जरिए परिवहन काफी सस्ता है। एक हॉर्स पावर द्वारा सड़क से 150 किलोग्राम और रेल से 500 किलोग्राम ढुलाई हो सकती है जबकि जलमार्ग से 4000 किलोग्राम माल ढोया जा सकता है। वहीं 1 लीटर इन्धन से सड़क से 24 टन प्रति किलोमीटर, रेल से 85 टन किलोमीटर और जलमार्ग से 105 टन प्रति किलोमाटर माल ढोया जा सकता है।
फिलहाल देश में 6 अंतरदेशीय जलमार्ग हैं जिनमें राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या -1 इलाहाबाद से हल्दिया तक, दूसरा- सादिया से धुबरी पट्टी तक, तीसरा- कोल्लम से कोट्टापुरम तक, चौथा – काकीनाडा से मरक्कानम तक, पांचवा – तलचर से धमरा तक और छठा- लखीपुर से भंगा तक।
आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार देश में जलमार्गों को बढ़ावा देना चाहती है। इसके लिए सरकार ने एक महात्वाकांक्षी योजना भी बनाई है जिसके तहत देशभर की 101 नदियों को जलमार्ग में परिवर्तित करने का प्रस्ताव है।
इस पहल से देश का प्रत्येक भाग जलमार्ग के रास्ते आपस में जुड़ जाएगा। पर्यावरण अनुकूल औऱ कम लागत वाला ये उपाय चारों ओर जमीन से घिरे राज्यों के लिए भी काफी लाभकारी साबित होगा।