जाली मुद्रा और पायरेसी संबंधी गतिविधियां गंभीर संगठित अपराधों को बढ़ावा देती हैं
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बौद्धिक सम्पदा अधिकारों को लागू करने के बारे में तीन दिन की कार्यशाला का उद्घाटन वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू की गरिमामयी उपस्थिति में किया।
श्री राजनाथ सिंह ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि जाली मुद्रा और पायरेसी संबंधी गतिविधियां गंभीर संगठित अपराधों को बढ़ावा देती हैं। ऐसी गतिविधियां जाली मुद्रा का अवैध कारोबार करने वाले अपराधियों और आतंकवादियों द्वारा चलाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए पुलिस को पुरी जानकारी और प्रशिक्षण के साथ लैस रहना चाहिए ताकि बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के उल्लंघनों पर नियंत्रण लग सके।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों तथा देशभर की अकादमियों में अपने बलों को बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के बारे में संवेदी बनाने के लिए बौद्धिक सम्पदा अधिकार प्रशिक्षण मौडयूल शुरू करने की घोषणा की।
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) प्रौद्योगिकी और नवाचार समर्थन के लिए पंजाब और तमिलनाडू में दो प्रौद्योगिकी और नवाचार समर्थन केन्द्र (टीआईएससी) की स्थापना सीआईपीएएम के सहयोग से कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित भविष्य के लिए अपने बौद्धिक सम्पदा के सृजन और संरक्षण के उपायों के बारे में समझदारी बढ़ाने की आवश्यकता है।
गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने लोगों से दूसरों की बौद्धिक सम्पदा का सम्मान करने का आगह किया और देश में बौद्धिक सम्पदा अधिकार लागू करने के लिए मजबूत व्यवस्था बनाने की बात कही।
इस कार्यशाला से देश की प्रवर्तन एजेंसियों को बौद्धिक सम्पदा अधिकार लागू करने में अपने महत्व को समझने में मदद मिलेगी। यह कार्यशाला अधिकारियों को अपने अनुभव साझा करने, श्रेष्ठ व्यवहारों का आदान-प्रदान करने और बौद्धिक सम्पदा अधिकारों को लागू करने के मामले में बेहतर अंतर-एजेंसी समन्वय के मंच के रूप में कार्य करेगी। तीन दिन की इस कार्यशाला में प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त अनेक बौद्धिक सम्पदा क्षेत्र के पेशेवर लोगों, वकील, कानून के विद्यार्थी तथा उद्योग संघों के लोग भाग ले रहे हैं।
यह कार्यशाला 22 से 24 अगस्त, 2017 तक भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के अन्तर्गत पेशेवर संस्था बौद्धिक सम्पदा अधिकार संवर्धन और प्रबन्धन (सीआईपीएएम) द्वारा आयोजित की गई है।