पीएम मोदी ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नयी तकनीक को अपनाने पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ‘वर्ल्ड फूड इंडिया फेस्ट 2017’ का उद्घाटन , किसान को बताया फूड प्रॉसेसिंग का केंद्र, नयी तकनीक अपनाने पर दिया जोर, निवेशकों से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश का किया आवान, कहा कारोबार करना पहले से काफी आसान, पहले ही दिन 68000 करोड़ निवेश का समझौता
भारत जैसे बडे देश के पास दुनिया को दिखाने और देने के लिये कितना कुछ है इस बात का मुजाहरा आज एक बार फिर से वर्ल्ड फूड इंडिया के माध्यम से हिन्दुस्तान ने किया, 3 दिनों तक चलने बाले इस कार्यक्रम की शुरूआत पीएम मोदी ने की, खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपार संभवनाओं के लिये पीएम मोदी ने दुनिया भर से भारत में निवेश का आह्वाहन किया जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा तो लाखो रोजगार के अवसर भी पैदा होगे।
देश में गांवों किसानों के उत्पादों को सही दाम मिले युवाओं को रोज़गार मिले यही है खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने का मक़सद। दिल्ली में शुरू हुआ वर्ल्ड फूड इंडिया का पहला मेगा मेला। इसमें 60 से अधिक देश और15 से ज़्यादा देशों के प्रतिनिधिमंडल भी शिरकत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देश-दुनिया के खाद्य प्रसंस्करण के दिग्गजों और प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए देश में निवेश के अच्छे अवसरों को बताया।
उद्यमियों की सहूलियत के लिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आवेदनों और निधियों के अनुदान संबंधी कामकाज को तेजी से निपटाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल निवेश बंधू की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने की। उन्होने विभन्न प्रकाशनों का ई-रिलीज़ किया साथ ही एक विमोचन किया। पीएम मोदी ने देश में प्रसंस्करण क्षेत्र में सरकार के प्रयासों और बदलते पर्यावरण की चुनौतियों के बीच खाद्य पदार्थों के पोषक तत्वों को संरक्षित करने और देश की आबादी के लिए बेहतर खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
इस मौक़े पर खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने पिछले तीन सालों में देश में खोले गऐ मेगा फूड प्रोसेसिंग पार्कों के बारे में बताया तो वहीं देश दुनिया में 2050 तक खाद्य पदार्थों की ज़रूरत को पूरा करने के लिए देशों के बीच तक़नीक़ के आदान-प्रदान पर ज़ोर दिया।
आयोजन में मेगा फूड मेला में जर्मनी, डेनमार्क और जापान इसमें भागीदार देश हैं। इटली और नीदरलैंड फोकस देश के तौर पर भाग ले रहे हैं। दुनिया के देशों के साथ तालमेल बेहतर करने से आधुनिक तकनीक के ज़रिए देश में नई संभावनाओं का आगाज होगा।
इतने बड़े आयोजन के ज़रिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के साथ भारतीय खाद्य अर्थ व्यवस्था में बदलाव आना तय है। ब्रिटेन, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, डेनमार्क सहित विभिन्न देशों ने लगभग 65 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा के निवेश पर सहमति भी जता चुके हैं। साथ कई दिग्गज कंपनियों के सीईओ ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और निवेश के अवसरों की सराहना की।
खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में आधारभूत संरचना का विकास करने के लिए देश में सम्पदा योजना के ज़रिए 5 बिलियन का निवेश किया गया है। योजना से 20 लाख किसानों को सीधे लाभ होगा। साथ ही 2022 तक किसान की आमदनी दोगनी करने में भी मदद मिलेगी। दरअसल खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने और इस क्षेत्र में अगले तीन सालों में 10 लाख रोजगार सृजित किये जाने का लक्ष्य सरकार ने रखा है।