बाघ शावकों से फिर गुलजार हुआ पन्ना टाइगर रिजर्व
बाघिन टी-1 ने पाँचवीं बार जन्मे 3 बच्चे
पन्ना बाघ पुन:स्थापना की पहली बाघिन टी-1 एक बार फिर मध्यप्रदेश का गौरव बनी है। टी-1 ने पाँचवीं बार शावकों को जन्म दिया है। लगभग एक सप्ताह के 3 नवजात शावक के साथ मड़ला परिक्षेत्र में टी-1 को वनकर्मियों द्वारा देखा गया है।
बाघ शून्य हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व में टी-1 को बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व से मार्च, 2009 में लाया गया था। टी-1 के पहले लिटर के बच्चों से ही पार्क के अपने बाघों की आबादी का श्रीगणेश हुआ। टी-1 ने बाघ टी-3 के साथ रहते हुए पहली बार 16 मार्च, 2010 को धुंधुआ सहा में 4 शावक को जन्म दिया और विश्व में बाघ पुन:स्थापना की मिसाल बन गयी। इस ऐतिहासिक दिन को पन्ना टाइगर रिजर्व में हर वर्ष जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस लिटर के दो नर बाघ पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रभुत्व वाले प्रमुख बाघों में शुमार हैं।
बाघिन टी-1 ने फरवरी, 2012 में दूसरी बार 4 शावक को जन्म दिया। इसके बाद टी-1 ने मड़ला परिक्षेत्र को अपनी टेरिटेरी बनाया और अक्टूबर, 2014 में 2 शावक को जन्म दिया। उल्लेखनीय है कि टी-1 ने अधिकतर नर बाघों को ही जन्म दिया है। टी-1,10 वर्ष की हो चुकी है और उसका रेडियो कॉलर दो बार बदला जा चुका है।