मध्य प्रदेश सरकार के गौ वंश संरक्षण पहल से सार्थक उम्मीद

मध्य प्रदेश सरकार के गौ वंश संरक्षण पहल से सार्थक उम्मीद

 हमारे यहां दीपावली के बाद  गोवर्धन पूजा का विधान है । मैंने अपने गांव में देखा है कि उस दिन गाय के गोबर से घर के दरवाजे के सामने दोनों ओर एक आकृति बनाई जाती है जिसकी पूजा गोवर्धन के रूप मे की जाती है।
 मध्य प्रदेश सरकार ने इस बार समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया है कि वह इस दिन को प्रकृति के सम्मान का उत्सव के रूप में मना रही है।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव वाले इस विज्ञापन में कहा गया है कि यह गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश का अभिनव पहल है।
 विज्ञापन कहता है कि प्रदेश में 1500 से अधिक गौशालाएं संचालित है जिनमें 3 लाख तीस हजार गोवंश का पालन हो रहा है। सरकार शीघ्र ही लगभग 2500 नई गौशालाओं का निर्माण करेगी जिनमें 4 लाख 50 हजार गोवंश का पालन होगा ।
 गोवंश के बेहतर आहार हेतु प्रति गोवंश ₹20 की राशि को बढ़ाकर ₹40 किया जा रहा है। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार और डेयरी विकास बोर्ड के बीच एम ओ यू से आगामी 5 वर्ष में लगभग 12000 दुग्ध समितियां से 25 लाख लीटर दूध एकत्र किया जाएगा ।
देश में सर्वाधिक 15 लाख हेक्टर क्षेत्र में जैविक खेती की दिशा में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है। गोवंश संरक्षण को प्रोत्साहन देने की पहल से जैविक खेती का उत्पादन बढ़ेगा, दुग्ध उत्पादन और ग्रामीण जीविका को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर ब्लॉक में एक वृंदावन ग्राम बनेगा। गौशालाओं का बजट 150 करोड़ से बढ़कर 250 करोड रुपए प्रति वर्ष किया गया है। एवं मुख्यमंत्री पशुपालन विभाग योजना में 195 ने करोड रुपए का प्रावधान किया गया है। ग्वालियर स्थित आदर्श गौशाला में देश के पहले सौ टन क्षमता वाले सीएनजी प्लांट की स्थापना की जा रही है। प्रकृति सम्मान और गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन प्रकृति और पर्यावरण के प्रति सजगता के लिए मिसाल जैसे शब्दों से अलंकृत यह विज्ञापन अगर अपने यथार्थ स्वरूप को प्राप्त करें तो गौवंश के लिए बहुत बड़ा उपकार होगा ।
सनातन संस्कृति के गाय,गंगा ,संयुक्त परिवार तीन  प्रमुख आधार हैं। उनमें से एक आधार गंगा मैली हुई थी आज की सरकार की पहल से निर्मल हो रही है। संयुक्त परिवार टूट चुके हैं और टूट रहे हैं लेकिन दूसरी और अब इनके महत्व को भी समझा जाने लगा है और लोग किसी न किसी स्तर पर संयुक्त परिवार में अब रहना भी चाहते हैं। कम स्तर पर ही सही संयुक्त परिवार के महत्व को रेखांकित करने वाली बातें पुनः होने लगी हैं लेकिन सर्वाधिक दुर्दशा गोवंश की है।
 पिछली गैर भाजपाई सरकारों में जहां यह कत्लगाहों में कत्ल कर दिए जाते थे वहीं अब यह वर्तमान सरकारों में सड़कों में आवारा घूमता हुआ दुर्घटनाओं का खुद शिकार होता है और जान माल की भी हानि करता है।
 भाजपा सरकारों में अभी तक जिस तरह से इनके संरक्षण की आवश्यकता थी वैसा नहीं हुआ है।
 बढ़ते आवारा गोवंश से किसान परेशान है उसको खेती करना कठिन हो गया है। दो सौ तीन सौ  गोवंश का झुंड उसकी फसलों पर हमला कर देता है। बिना तारवाड़ी वाले खेतों में खेती का बचना असंभव है तो तारवाड़ी वाले खेत भी बिना आदमी के रखवाली के नहीं बच रहे हैं ।गोवंश संरक्षण संवर्धन की दिशा में भाजपा सरकार को बड़े स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। यथार्थ यह भी है कि इसी सरकार से उम्मीद है।
 रीवा क्षेत्र में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल कुछ बड़े सार्थक  प्रयासों को मूर्त रूप दे रहे हैं तो वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रदेश स्तर में ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं । हम उम्मीद रखते हैं की कुल मिलाकर संरक्षण संवर्धन की दिशा में कोई बड़ा कदम सरकार की तरफ से उठेगा।
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू “
2 नवंबर 2024
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