केंद्रीय सरकार को भी सोचना पड़ेगा कि रियायतें रियासत बना देती हैं
मोदी सरकार को भी सोचना पड़ेगा कि रियायते रियासत बना देती हैं
17 अक्टूबर 2022 को मैं रीवा से भोपाल रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की यात्रा रेवांचल एक्सप्रेस से कर रहा हूं। मैं तो व्यक्तिगत कार्य से भोपाल जा रहा हूं इसी ट्रेन में सैकड़ों की संख्या में छात्राएं हैं जो नर्सिंग की परीक्षा देने सागर जा रहे हैं। उनके परिजन भी साथ है स्लीपर में रिजर्वेशन न मिलने के कारण अभ्यर्थियों ने एसी तृतीय श्रेणी में रिजर्वेशन करवाया है ।इसमें से ज्यादातर लोग पहली बार एसी में सफर कर रहे थे और मोदी जी को कोस रहे थे उनका कहना था कि टिकट बहुत महंगी है। मोदी रेल बेंच देगा, छूट खत्म कर दी है मोदी न जाने क्या-क्या करेगा। आदि आदि ताने छात्राओं के परिजनों के तरफ से आ रहे थे इसमें से ज्यादातर स्वाभाविक रूप से अधिक मध्यम वर्गीय परिवार के लोग थे। सरकार की जन हितैषी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के साथ लगभग सभी क्षेत्रों में केंद्र सरकार ने अच्छा काम किया है और कर भी रही है लेकिन छूट एक ऐसा टॉनिक है जो सब लोग लेना चाहते हैं ।इस छूट मे अगर विरोधाभास हो एक को मिलता हो एक को ना मिलता हो तो गुस्सा जायज लगने लगता है। रेलवे ने छूट वरिष्ठ नागरिकों और पत्रकारों के लिए समाप्त कर दी गई है विकलांगों का बचा है लेकिन सांसद विधायक की छूट बंद नहीं हुई है और ना उनका कोटा खत्म हुआ है। वरिष्ठ नागरिक जिनकी संख्या करोड़ों में है और पत्रकार जो हजारों में हैं नाराज हैं कि आखिर हमें छूट क्यों नहीं नेताओं को क्यों। छूट का मामला तर्क कुतर्क नहीं अपना पक्ष उचित ठहराना चाहता है। लेकिन छूट पर सरकारे कायम हैं उन्हें अपने जीवित रहने के लिए जरूरी है कि वह जनता को छूट की खुराक देती रहें लेकिन छूट ऐसी होनी चाहिए कि एक हाथ दे दूसरे से ले वाली नही बल्कि टिकाऊ हो।
कृषि क्षेत्र में छूट की बात करें तो अगर सरकार एक तरफ मदद कर दिया तो दूसरी तरफ खाद बीज दीजल कीटनाशक के मूल्य इतने बढ़ जाते हैं कि जितना मिलता है उससे दुगना खर्च हो जाता है। बिजली का ऐसा है कि आधा आधा घंटे में आती जाती रहती जितना पानी किसान खेत में लगाता है वह बढ़ने की वजह वही का वही रह जाता है जो काम 1 दिन में होना चाहिए वह 3 दिन में। इसीलिए दूसरे राज्य में बिजली बिल माफ करके अन्य राजनीतिक दल अपनी सरकारे बना रहे हैं। मध्यम वर्ग ही सभी सरकारों में मार खाता है। महंगाई बेरोजगारी मध्यम वर्ग के लिए हमेशा परेशान करती रहे हैं। दिल्ली की सरकार छूट और विज्ञापन में बनी है और टिकी है ।पंजाब की नई सरकार इसी छूट के दम पर बन गई है। मध्यप्रदेश में बन चुकी थी कमलनाथ और ज्योतिरादित्य की लड़ाई ने पुनः भाजपा को सत्ता दी है। इसका साफ संदेश है कि महंगाई को काबू मे रखना और छूट की चुनौती को स्वीकार करना सरकारों के लिए जरूरी है। जो सरकार लंबे समय तक टिके रहना चाहती हैं उसे केवल अच्छे और राष्ट्रवाद या धर्म के पुनर्जागरण के साथ छूट की भी चासनी को हमेशा उस कार्य तक पहुंचाएं रखना होगा जहां से सरकार बनती है, रहती हैं और रास्ते बना देती हैं। केवल अच्छे बनने से काम न चलेगा जनता की तरफ से आई मांग पर आपको उन छूटों का भी ध्यान रखना होगा जिससे आपकी सरकार बनी रहे और आप देश हित मे काम कर सकें।
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू ”
17 अक्टूबर 2022
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