सामाजिक वानिकी वन वृत्त रीवा द्वारा वैद्य कार्यशाला सम्पन्न
रीवा 05 जनवरी 2021. सामाजिक वानिकी वन वृत्त रीवा द्वारा वैद्य कार्यशाला आयोजित की गई। विंध्य क्षेत्र में आयुर्वेद औषधियों को बढ़ावा देने इसे सहज एवं सुगमता से उपलब्ध कराने, पर्यावरण को स्वच्छ रखने औषधीय पौधों की जानकारी देने तथा कृषकों को औषधिय पौधों का उत्पादन कर विकसित करने आय का के स्त्रोत के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में वन संरक्षक राजीव मिश्रा सहायक वन संरक्षक वाय.पी. वर्मा सहायक वन संरक्षक श्रीमती अर्चना पटेल उपस्थित थे।
कार्यशाला में विंध्य क्षेत्र में औषधीय पौधों की उपलब्धता, उपयोग एवं पहचान पर मंथन किया गया। औषधीय पौधों की उत्पादन को बढ़ावा देने, औषधीय पौधों को संरक्षित करने एवं इसके संवर्धन के सुझाव दिये गये। कार्यशाला में पौधों की जानकारी एवं क्षेत्रीय उपलब्धता पर चर्चा की गई। अमरकंटक के वैद्य श्री के.डी. मानिकपुरी ने लकवा, मोटपा, मधुमेह, उच्च रक्त चाप जैसे बीमारियों का वन औषधि के माध्यम से उपचार करने की जानकारी दी गई। श्री मानिकपुरी ने अपने जीवनकाल में असाध्य रोगों के निदान बताएं एवं अमरकंटक नर्सरी सामाजिक वानिकी वन वृत्त द्वारा स्थापित औषधीय पौधों का उपयोग भी बताया । वैद्य श्री सुग्रीम यादव ने अतरैला के घने जंगलों एवं सरभंगा नर्सरी में पाये जाने वाली औषधीय पौधे कालमेघ, अश्वगंधा, सर्पगंधा, गिलोय, के विषय पर चर्चा की गई और प्रदाय रोग इनजैयना, पेन हार्ट ब्लाकेज, कीटमुहासें, चेहरे दाग दब्बे एवं झांइयां जैसे रोगों को जड़ी-बूटी के द्वारा निदान बताया गया। श्री अरूण श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में देशी जड़ी-बूटियों का भरमार है औषधियों की पहचान करने की आवश्यकता है, श्री श्रीवास्तव ने शरीर में कही भी गांठ होना, टांसिल, शुक्राणु, अल्पता, उदरवायु विकार, आव सहग्रणी, अतिसार, अम्लपित्त (एसिडिटी) हाइपर एसीडिटी, ड्रिप्रेशन, आधाशीशी, आमवात गठिया घुटने का दर्द, कमर दर्द, साइटिका, सवाईकल एवं लम्बर स्पोडियलाइटिस जैसे रोगों को विंध्य क्षेत्र में पायी जाने वाली वन औषधियां दहिमन, मेदा, अन्तमूल, वच, काली हल्दी, कामराज विदारी कंद के उपयोग वैज्ञानिक नाम औषधीय उपयोग के जानकारी दी गई।
वैद्य श्री हीरालाल चौधरी ने बताया कि चर्मरोग, अतिरक्तस्त्राव, हेपटाइपिस एबीसी, लीवरसिरोसिस गुल्कोमा, नेत्र रोग, कब्ज, कर्णस्ताव, भंगादर, बबासिर, दातों के रोग, बालों का झंडना, जैसे रोगों का इलाज वन औषधियों द्वारा अपराजिता, पुर्ननवा, गुड़मार, नागरमोथा, सफेद घुंघची, हड़जोड़, भेलमा, हरश्रृगार, औषधिय उपयोग एवं घर-घर में लगाने के लिए प्रेरित किया गया है। कार्यशाला में वैद्य सिंह, हेमराज तिवारी, कमलेश तिवारी, डॉ. सरोज सोनी, जीएम सिंह, रामप्रकाश अहिरवार, धमेन्द्र सिंह बघेल, अमृतलाल, रामबावु पठाक, रामरहिस मिश्रा, चक्रधर त्रिपाठी, वन विस्तार अधिकारी अमर सिंह मरावी, शिवनंदन सिंह, आरडी रावत, शंकर प्रसाद मिश्रा, शिव शंकर रावत समस्त रोपणी प्रभारी सफल संचालन अजय चौधरी एवं नीलेश श्रीवास्तव एवं समस्त स्टाफ ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।