शिक्षा जगत में रीवा संभाग को नई उँचाईयों तक पहुंचाने का प्रयास करें – कमिश्नर डॉ. भार्गव
सरस्वती स्कूल में रीवा जिले के शिक्षकों को दिया गया निदानात्मक प्रशिक्षण
रीवा 13 अक्टूबर 2019. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव के मुख्य आतिथ्य में सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जेल मार्ग रीवा में शिक्षकों को एक दिवसीय विषयवार निदानात्मक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से कमिश्नर डॉ. भार्गव ने जिले के विभिन्न विद्यालयों से आये शिक्षकों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया ताकि छात्र-छात्राओं के परीक्षाफल में सुधार आ सके। हिन्दी, अंग्रेजी एवं सामाजिक विज्ञान विषय के शिक्षकों को यह प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने शिक्षकों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा जगत में रीवा संभाग एक नई इबारत लिखे ऐसा संकल्प लेकर कार्य करें। शिक्षक विद्यार्थी का भविष्य ही नहीं बनाता बल्कि राष्ट्र निर्माण का मार्ग भी प्रशस्त करता है। हमारे शिक्षक विद्यार्थियों के व्यक्तित्व में संस्कार पैदा करते हैं। उनका सर्वांगीण विकास करते हैं। निश्चित रूप से शिक्षक ब्रम्हा, विष्णु और महेश की समन्वित भूमिका निभाते हैं। शिक्षक यदि दृढ़ संकल्पित हो जायें तो वे इतिहास की धारा को भी बदल सकते हैं। आज शिक्षकों के समक्ष समस्याओं का अंबार है लेकिन समस्याएं और कठिनाइयां हर जगह होती हैं जिनसे जूझकर और डटकर सामना करने से ही सफलता मिलती है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि इस राष्ट्र की तरूणाई को ज्ञान की रोशनी से जोड़ने का शिक्षकों को मौका मिलता है। यह क्रांतिकारी बदलाव लाने का मौका छात्रों के जीवन में सीमित समय के लिए रहता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य को निर्मित करने से आपका भी जीवन सार्थक होगा। आप सब संकल्प लें कि हमें अपने विद्यार्थियों का जीवन बदलना है तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती। उन्होंने कहा कि अपने कत्र्तव्य और दायित्व को महत्व देकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की कामयाबी और नाकामयाबी में शिक्षकों का हाथ रहता है। विद्यार्थी हमेशा अपने शिक्षकों का संस्करण करता है। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि आज अगर रिमेडियल कक्षाओं को लगाने की जरूरत पड़ रही है तो यह हमारी क्षमता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। ऐसी कोशिश करें कि रिमेडियल कक्षाओं को लगाने की जरूरत न पड़े। उन्होंने कर्मठता से कार्य करने की समझाइश दी। उन्होंने कहा कि हम जैसा देते हैं वैसा ही पाते हैं। यह दुनिया इकोसिस्टम की तरह है। यदि हम बच्चों को प्यार बांटेंगे तो प्यार मिलेगा। अत: संकल्प लेकर विद्यार्थियों को ज्ञानवान बनायें, उनकी सोच सकारात्मक बनायें और उन्हें सामाजिक सरोकारों से जोड़ने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि कमजोर विद्यार्थियों के प्रति आपका दृष्टिकोण संकुचित न होकर उनकी पूरी तरह मदद करने का होना चाहिए।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि शिक्षक का व्यवहार छात्रों के प्रति मालिक और नौकर का नहीं होना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों को हमेशा अपडेट रहने की समझाइश दी। उन्होंने कहा कि शिक्षक चरित्र, अनुशासन और दायित्व बोध को अपने अंदर ढूंढ़ने के लिए हमेशा बेहतर से बेहतर कार्य करें और शत-प्रतिशत परिणाम लाने के लिए पूरी लगन, निष्ठा और मेहनत से जुट जायें।
संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अंजनी कुमार त्रिपाठी ने कहा कि हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी का परीक्षाफल गतवर्ष की तुलना में अच्छा रहे इसके लिए रीवा संभाग में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कमिश्नर डॉ. भार्गव के मार्गदर्शन में कार्य किया जा रहा है। शिक्षकों, छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों को निरंतर प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि आपका मूल काम बच्चों में विषय के प्रति रूचि पैदा करना है। उन्होंने कहा कि आप लोग तय करें कि किसी भी छात्र को फेल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि रीवा संभाग का परीक्षाफल सुधारने के लिए आप लोग कोई कमी नहीं छोड़ें।
कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी आरएन पटेल ने प्रशिक्षण के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। अंत में सहायक संचालक राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान डॉ. पीएल मिश्रा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सरस्वती स्कूल के प्राचार्य उमाशंकर पाठक सहित जिले भर से आये शिक्षकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता बीडी त्रिपाठी ने किया।