किसानों को कृषि उत्पादन की उन्नत तकनीक से परिचित करायें – कमिश्नर
रीवा 02 जुलाई 2019. रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने आज कृषि विज्ञान केन्द्र रीवा का भ्रमण कर किसानों को उन्नत कृषि तकनीक की जानकारी देने वाले विभिन्न माड्यूल व इकाइयों का निरीक्षण किया। कृषक प्रशिक्षण शिविर में वह किसानों से भी रूबरू हुए।
इस अवसर पर कमिश्नर डॉ. भार्गव ने निर्देश दिये कि किसानों को परंपरागत खेती के साथ नवीन व उन्नत तकनीक को अपनाते हुए कृषि उत्पादन किये जाने की विधियों से परिचित कराया जाय। कम से कम पानी में फसल की पैदावार लेने तथा संरक्षित खेती करने हेतु भी किसानों को प्रोत्साहित किया जाय। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि के साथ पशुपालन, कुक्कुट पालन, मत्स्यपालन, उद्यानिकी आदि गतिविधियों को करने हेतु प्रेरित किया जाय ताकि उनकी आमदनी बढ़े। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि कृषि को लाभ का धंधा बनाने व किसानों की आय दुगनी करने के लिये उन्नत तकनीक से खेती करने तथा कृषि यंत्रों के उपयोग के साथ किसानों को जैविक खाद के उपयोग की भी सलाह दी जाय।
भ्रमण के दौरान कमिश्नर ने निर्देश दिये कि धारवाड़ पद्धति से अरहर की उपज लेने हेतु किसानों को प्रेरित करें तथा स्थानीय जलवायु व परिस्थिति के हिसाब से कृषि उत्पादन हेतु किसानों को समसामयिक सलाह देने का कार्य कृषि वैज्ञानिक करें। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने निर्देश दिये कि कृषि दूत व अधिकारी किसानों को जागरूक करने का कार्य करें तथा उन्नत तकनीक से की गई खेती के लाभ व उत्पादन को अन्य किसानों तक जानकारी देने हेतु किसान भी आगे आयें।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कृषि विज्ञान केन्द्र में किसानों को समसामयिक सलाह देने हेतु एसएमएस पद्द्यति की प्रक्रिया का अवलोकन किया तथा निर्देश दिये कि मौसम व परिस्थिति अनुसार किसानों को कब और कौन सी फसल बोनी चाहिए तथा उसकी सुरक्षा आदि की सूचना दी जाय। उन्होंने मशरूम उत्पादन इकाई सहित संरक्षित खेती विधि से टमाटर, करेला व आम उत्पादन इकाई का अवलोकन किया। वर्मी कम्पोस्ट, वेस्ट कम्पोस्ट, केचुआ खाद इकाई, एजोला, गृह वाटिका, अमरूद में मिड़ो आर्चड प्रदर्शन व धान की क्राफ्ट कैफेटोरिया का भी अवलोकन कर इसको प्रगतिशील किसानों को परिचित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कृषि की संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित कर नवीन जानकारियों व तकनीक की किसानों को जानकारी दिये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने स्पष्ट किया कि कृषि विज्ञान का लाभ अंतिम छोर के लघु व सीमांत किसानों को मिले इसका प्रयास पूरे मनोयोग से किया जाय।
कृषकों से रूबरू हुए कमिश्नर :- कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि किसान हमारे देश की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ हैं। हमारा देश कृषि पर निर्भर है अत: किसान भाइयों को उन्नत व नवीन तकनीक अपनाते हुए जलवायु व मौसम के हिसाब से कृषि उत्पादन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्षा के पानी को संरक्षित कर वृक्ष लगाने का कार्य कृषक भाई करें ताकि आने वाली पीढ़ी को हरित देश व प्रदेश की सौगात मिले। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर उन्नत कृषि तकनीक अपनाने व किये गये कृषि के लाभ से अन्य किसानों को प्रेरित करने का आहवान किया। कमिश्नर ने किसानों से कहा कि ऐरा प्रथा रोकने में वह आगे आयें व आपस में समन्वय बनाकर फसल नुकसान होने से बचायें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्होंने किसानों को उन्नत बीज व बीजोपचार औषधि का वितरण भी किया।
कृषि महाविद्यालय पहुंच कमिश्नर:- कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कृषि महाविद्यालय पहुंचकर शैक्षणिक, कृषि तकनीक एवं अनुसंधान व विस्तार गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की। कृषि वैज्ञानिक व प्राध्यापकों से परिचय प्राप्त कर उन्हें सम्बोधित करते हुए कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि बदले हुए परिवेश व वातावरण में किसानों को फसल उत्पादन की प्रेरणा देते हुए नवीन तकनीक अपनाने हेतु प्रेरित किया जाय। किसान मौसम व वातावरण के हिसाब से फसल लें व स्वयं के प्रयोग को अन्य किसानों को भी बतायें। कृषि विज्ञान का लाभ अंतिम छोर के किसान को मिले तथा उसकी ज्ञान के साथ बुद्धि भी जागृत हो तभी वह प्रगतिशील कृषक बन सकेगा। उन्होंने कहा कि कृषि महाविद्यालय के छात्रों को ऐसी शिक्षा दी जाय जिससे वह भविष्य में किसानों को खेती को लाभ का धंधा बनाने हेतु प्रेरित करने में सक्षम हो सकें।
इस दौरान डीन डॉ. एस.के. पाण्डेय, संयुक्त संचालक कृषि एस.सी. सिंगादिया, डॉ. अजय कुमार पाण्डेय, डॉ. आर.पी. जोशी, डॉ. के.एस. बघेल, डॉ. रघुराज किशोर तिवारी, डॉ. एस.के. त्रिपाठी, मृत्युंजय मिश्रा सहित प्राध्यापक व कृषि वैज्ञानिक उपस्थित थे।