आरोग्यम मध्यप्रदेश की कल्पना को करें साकार – कमिश्नर डॉ. भार्गव
हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के संबंध में रीवा एवं शहडोल संभाग की कार्यशाला संपन्न
रीवा 07 जून 2019. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मरीजों को सभी तरह की मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन केन्द्रों को आरोग्यम (हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर) के रूप में विकसित किये जाने की योजना है। इस संबंध में स्थानीय स्टार होटल में संभागीय (रीवा एवं शहडोल संभाग) कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोई भी योजना कितनी ही अच्छी और उत्कृष्ट क्यों न हो उसे क्रियान्वित करने वाले लोगों की सोच सकारात्मक हो तभी उसकी सफलता है। आप सब बड़े सौभाग्यशाली हैं। समाज के स्वास्थ्य को बनाये रखना आपकी जिम्मेदारी है। इंसान परेशानी में भगवान एवं डॉक्टर को याद करता है। जब ठीक हो जाता है तो वह उन्हें भूल जाता है। ऐसे बदले माहौल में हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर की स्थापना की जाना है। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी दौलत और सच्चा साथी है। स्वास्थ्य के बिना जीवन मूल्यहीन हो जाता है। स्वास्थ्य बनाये रखने में चिकित्सकों की अहम भूमिका होती है। कार्यकुशलाता तथा दक्षता से ही किसी भी योजना का क्रियान्वयन ठीक ढंग से किया जा सकता है। दस्तक अभियान को यदि हम सफल बना लें तो समाज के स्वास्थ्य की तस्वीर को बदला जा सकता है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि अस्पतालों में रूचिपूर्ण माहौल हो। सभी वस्तुएं व्यवस्थित हों। जिस संस्थान में काम कर रहे हैं वहां अपनत्व की भावना रखकर कार्य करना चाहिए। जहां सफाई होती है वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हमारा आचार-विचार, व्यवहार अच्छा हो। हमारे बुजुर्गों की परंपराओं को नहीं भूलना चाहिए। अस्पताल स्वास्थ्य का मंदिर होता है। सामान्य बीमारियां ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र में न आयें उन्हें समझाकर चेतना जागृत करना चाहिए। साफ-सफाई, स्वच्छ पानी पीने, हाथ धोने आदि के प्रति चेतना लाने में आप महती भूमिका अदा कर सकते हैं। लगन, मेहनत तथा निष्ठा से किया गया कार्य हमें आनंद की अनुभूति देता है। आरोग्यम मध्यप्रदेश की कल्पना को साकार करें और बेहतर से बेहतर कार्य करने की कोशिश करें।
कार्यशाला में दोनों संभागों के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा संभाग, उप संचालक डॉ. एसके त्रिपाठी, उप संचालक डॉ. एनपी पाठक, सभी सातों जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा अधिकारी, राज्य स्तर से आये स्टेट प्रोग्राम ऑफीसर डॉ. ओपी तिवारी उपस्थित थे।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के आरोग्यम के रूप में विकसित होने से यहां गर्भावस्था में देखभाल एवं प्रसव सेवा, नवजात शिशु की देखभाल, बाल्य व किशोर तथा परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक एवं प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं, संक्रामक रोगों का इलाज, ओपीडी सेवाएं, एनसीडी रोगों की स्क्रीनिंग, रोकथाम व प्रबंधन की सेवाएं तत्काल उपलब्ध करायी जायेंगी। आंख व कान की साधारण सेवाएं, बेसिक ओरल हेल्थ केयर, वृद्धावस्था में देखभाल, आपात कालीन मेडिकल सेवाएं तथा मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध करायी जायेंगी। साथ ही साधारण जांच, उपचार, पैथॉलाजी जांच, प्रसव, टीकाकरण, रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग की जांच व उपचार आदि स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने इन सेवाओं के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक अथवा उपकरण सामग्री जैसे बीपी मशीन, ग्लूकोमीटर स्ट्रिप सहित व्हीआईए या सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग के लिए परीक्षण टेबल, स्पेक्यूलम, एसेटि एसिड आदि सामग्री की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता सुनिश्चित करने को कहा है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने आरोग्यम केन्द्रों में अधोसंरचना अन्तर्गत सभी आवश्यक मरम्मत एवं पुनर्निमाण कार्य शीघ्र पूर्ण किये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मरीजों के बैठने, स्वच्छ पेयजल के लिए आरओ युक्त वाटर कूलर तथा महिला एवं पुरूष के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भवनों में निर्धारित मानक अनुसार ब्राÏण्डग करने, प्रचार-प्रसार सामग्री अथवा पोस्टर का डिस्प्ले सुनिश्चित करने, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता एवं गुणवत्ता का उन्नयन कर मानकों को हासिल करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें। मानव संसाधन अन्तर्गत आरोग्यम केन्द्रों में न्यूनतम एक एमबीबीएस चिकित्सा अधिकारी एवं एक स्टॉफ नर्स की व्यवस्था सुनिश्चित करें। सभी चिकित्सा अधिकारी एवं स्टॉफ नर्सेस को तीन दिवसीय, एएनएम को चार दिवसीय तथा आशा को पांच दिवसीय एनसीडी प्रशिक्षण दिलायें। सूचना प्रौद्यौगिकी अन्तर्गत सभी एएनएम व संबंधित आशा कार्यकर्ता द्वारा भरे गये सीबेक फार्म की प्रविष्टि एनसीडी सॉफ्टवेयर में करना सुनिश्चित करें। आरोग्यम केन्द्रों की प्रतिमाह की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में एकजाई कर राज्य कार्यालय को भेजें। आरोग्यम केन्द्रों में योग गतिविधियां भी संचालित की जायें। यदि केन्द्र में पर्याप्त स्थान नहीं है तो योग गतिविधियों के लिए समीपस्थ स्थल का चयन करें तथा योग में प्रशिक्षित स्थानीय नागरिकों से समन्वय स्थापित करें। आरोग्यम केन्द्रों में औषधियां अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायें। इसके लिए एमपी औषधि में शहरी कार्यक्रम अंतर्गत जारी राशि अथवा जेएसएसके का उपयोग करें। न्यूनतम आवश्यक 19 जांचों (ऑउटसोर्स एवं इन हाऊस) की उपलब्धता सुनिश्चित करें। आरोग्यम केन्द्रों के क्षेत्र में समुदाय आधारित निरोगी काया अभियान, दस्तक अभियान एवं महिला स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से उच्च रक्तचाप, मधुमेह, ओरल, ब्रेस्ट एवं सर्वाइकल कैंसर, क्षय रोग तथा कुष्ठ रोगी की पहचान करें। मातृत्व स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक उपकरण एवं सुविधाएं एअर कंडीशनर एवं गीजर की व्यवस्था करायें। कायाकल्प मानकों के अनुसार बायो मेडिकल वेस्ट का निष्पादन तथा संस्था के अंदर जनोपयागी दिशा चिन्ह प्रदर्शित करायें। आरोग्यम केन्द्र के परिसर में औषधीय उद्यान (हर्बल गार्डन) विकसित कर उसकी सुरक्षा के लिए तार से फेंसिंग करायें।