रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना से विद्युत उत्पादन प्रारंभ
उद्योग मंत्री ने विद्युत सम्प्रेषण का किया शुभारंभ
विश्व की सबसे बड़ी सौर परियोजनाओं में से एक 750 मेगावाट क्षमता की रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना से आज इकाई यूनिट क्रमांक एक द्वारा 5 मेगावाट का विद्युत उत्पादन प्रारंभ हुआ। प्रदेश के उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने विद्युत सम्प्रेषण का औपचारिक शुभारंभ किया। इस दौरान सांसद जनार्दन मिश्र, प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव सहित विभागीय अधिकारी व विकास इकाई कंपनियों के अधिकारी व प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री ने कहा कि आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण व अविस्मरणीय है जबकि सौर ऊर्जा से विद्युत का सफलता पूर्वक उत्पादन प्रारंभ हुआ। इससे विश्वास बढ़ा है। इससे बनने वाली 5 मेगावाट बिजली म.प्र. पावर मैनेजमेंट कंपनी को जा रही है। आने वाले समय में शीघ्र ही दूसरी इकाइयों से भी विद्युत का उत्पादन प्रारंभ हो जायेगा और यह प्रयास होगा कि 15 सितम्बर तक 500 मेगावाट बिजली बनने लगे तथा भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से इस परियोजना का विधिवत शुभारंभ कराया जा सके।
उद्योग मंत्री ने कहा कि गुढ़ की यह भूमि सोलर प्लांट के लिये सबसे उपयुक्त जगह थी। मुख्यमंत्री जी के सहयोग व विभागीय अधिकारियों की मेहनत से यहाँ 750 मेगावाट सौर ऊर्जा प्लांट लगाया गया और आज से यहाँ विद्युत उत्पादन भी शुरू हो गया यह विन्ध्य वासियों के लिये अविस्मरणीय दिन है। उन्होंने परियोजना की सफलता में प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों व इकाई क्रमांक एक के महिन्द्रा रिन्यूबल प्रा.लि. को भी बधाई दी। उन्होंने अपेक्षा की कि यूनिट 2 जयपुर सोलर पावर प्रा.लि. तथा यूनिट 3 एरिसन क्लीन एनर्जी प्रा. लि. द्वारा भी अपनी-अपनी यूनिट में विद्युत उत्पादन नियत समय में प्रारंभ कर दिया जायेगा।
इस अवसर पर सांसद जनार्दन मिश्र ने कहा कि रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना से सबसे कम दर पर विद्युत प्राप्त होगी जिससे गरीबों को सीधा फायदा होगा। सस्ते दर पर विद्युत उत्पादन से 750 करोड़ रूपये की बचत भी होगी। उन्होंने इस परियोजना के फलीभूत होने में उद्योग मंत्री जी को बधाई दी।
प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव ने बताया कि रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना देश ही नहीं बल्कि विश्व में अपनी पहचान बना चुकी है। इससे न्यूनतम दर 2.97 रूपये प्रति यूनिट में बिजली का टैरिफ मिलेगा जो कोयले एवं अन्य स्त्रोतों, द्वारा उत्पन्न विद्युत के टैरिफ से भी कम है। इसके विकास एवं स्थापना हेतु अपनायी जा रही प्रक्रियाएं देश में सौर ऊर्जा परियोजना के विकास में दिशा निर्धारण का कार्य करेगी। प्रदेश में एक ही स्थान में उत्पादित होने वाली 750 मेगावाट बिजली से 76 प्रतिशत बिजली राज्य द्वारा क्रय की जायेगी जबकि 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मैट्रो को विक्रय की जायेगी। कम दर अवधि के कारण राज्य को परियोजना अवधि 25 वर्षों में 2086 करोड़ व दिल्ली मेट्रो को 1220 करोड़ रूपये का लाभ होगा। यह देश की प्रथम और अभी तक की एक मात्र सौर पार्क परियोजना है जिसे विश्व बैंक से आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है और उत्पादित विद्युत का विक्रय ओपन एक्सेस उपभोक्ता दिल्ली मेट्रो को किया जाना है।
परियोजना क्षेत्र विकास के कार्य डढ़वा गांव से प्रारंभ होंगे – इस अवसर पर उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि परियोजना इकाइयों द्वारा क्षेत्र विकास के कार्य कराये जांय। इसकी शुरूआत डढ़वा गांव से होगी तदुपरांत अन्य गांव भी कार्ययोजना में शामिल किये जायेंगे जिनकी भूमि का अधिग्रहण परियोजना निर्माण हेतु किया गया है। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र विकास अन्तर्गत ग्राम विकास व मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के कार्य निर्माण कार्य में संलग्न इकाइयों द्वारा परियोजना क्षेत्र विकास कार्य अंतर्गत कराये जाते हैं।
उद्योग मंत्री ने ऊर्जा विकास निगम के जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी एस.एस. गौतम एवं कर्मचारियों का उत्साहवर्धन कर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कंपनी के इन्चार्ज विजय सिंह, मयंक पाण्डेय, पारिजात देशमुख व खालिद हबीब आदि को बधाई व शुभकामनाएँ दी। विद्युत कार्य के शुभारंभ अवसर पर डा. ओमप्रकाश मिश्र सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि व आमजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
Ye apne rewa k sabse bade Gaurav ki bat h.______