बिप्लब देब ने ली त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में भाजपा की पहली सरकार के शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए। साथ ही केंद्रीय ग़़ह मंत्री राजनाथ सिंह सहित भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी शपथग्रहण में शामिल हुए। अगरतला के असम राइफल्स ग्राउंड में पूर्वोत्तर राज्यों के अलावा भाजपा शासित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल रहे। राज्यपाल तथागत राय ने मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को पद व गोपनियता की शपथ दिलाई। त्रिपुरा में सरकार बनने के साथ ही उत्तर पूर्व के राज्यों में भाजपा शासित राज्यों की संख्या बढ़कर 7 हो चुकी है। अब असम,अरूणाचल,मणिपुर सहित नगालैंड और मेघालय में भी भाजपा सत्ता में है।

त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में बिप्लव देव ने शपथ ली। गौरतलब है कि 48 वर्षीय बिप्लव देव लंबे समय से संघ से जुड़े रहे। वे पहली बार ही किसी चुनाव में उतरे और एक ऐतिहासिक जीत के नायक बनें। गौरतलब है कि 1993 से ही त्रिपुरा में वामदलों की सरकार सत्ता में थी। लेकिन अब 35 सीटों को कब्जाने के बाद भाजपा की सरकार के हाथ अब राज्यों की कमान है। त्रिपुरा में मुख्यमंत्री सहित उप-मुख्यमंत्री जिश्णु देब बर्मन ने भी शपथ ली। इसी के साथ आठ कैबिनेट मंत्रियों नरेन्द्र देब बर्मा,रतन लाल नाथ,सुदीप रॉय बर्मन,प्रांजित सिंह रॉय सहित त्रिपुरा में भाजपा की सहयोगी पार्टी से मेवर कुमार चमातिया और शांतना चकमा ने भी पद व गोपनीयता की शपथ ली।

राज्य में नयी सरकार के गठन पर प्रधानमंत्री ने त्रिपुरावासियों को बधाई दी। साथ ही उन्होने कहा कि राज्य के विकास में सभी की भागीदारी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा पूर्वोत्तर में विकास के लिए काफी अवसर और संभावनाएं हैं, पीएम ने कहा आज पूरा देश पूर्वोत्तर के बारे में जानना और पहुंचना चाहता है। उन्होने विपक्ष से भी आह्वान किया के वे राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाए।

साथ ही प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि राज्य लोकतांत्रिक तरीक़े से और संघात्मक ढांचे के साथ विकास के सभी काम तेज़ी के साथ करेगा। साथ ही उन्होने कहा कि राज्य की सत्ता सभी त्रिपुरावासियों के हित में बिना भेद-भाव काम करेगी।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि त्रिपुरा को मॉडल स्टेट बनाने की दिशा में सरकार अग्रसर है। अमित शाह ने कहा कि केन्द्र में भाजपा की सरकार आने के बाद पूर्वोत्तर में शांति के नये युग की शुरूआत हुई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अब त्रिपुरा में केन्द्र के सहयोग से विकास की शुरूआत होगी।

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