प्रदेश में खनिज से 3610 करोड़ रुपये की आय

rajendra shukla

गौण खनिज की नीलामी ई-आक्शन के जरिये

प्रदेश में खनिज अन्वेषण और खनिज भंडारों की खोज में आधुनिक तकनीक का लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है। राज्य को पिछले वर्ष खनिज राजस्व के रूप में 3610 करोड़ 56 लाख रुपये की आय हुई है। विभाग ने अर्जित आय में 102 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है। इस वर्ष अप्रैल से अगस्त तक 5 माह में प्रदेश में खनिज से एक हजार करोड से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। राज्य को हीरा खनिज के मामले में देश में एकाधिकार प्राप्त है। इसके अलावा प्रदेश में मुख्य रूप से कोयला, ताँबा, मैंगनीज, लौह अयस्क, चूना पत्थर, डोलोमाइट, बाक्साइट, रॉकफास्फेट, क्ले, लेटेराइट खनिज के रूप में पाया जाता है।

केन्द्र सरकार द्वारा नवीन अधिनियम लागू किये जाने के बाद प्रदेश में मुख्य खनिज की स्वीकृति के लिए नीलामी की कार्यवाही की जा रही है। इस कार्यवाही से प्रदेश को करीब 30 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष राजस्व प्राप्त होगा। चूना पत्थर, मेंगनीज, बाक्साइट, आयरन आदि खनिज ब्लाकों को चिन्हित किये जाने की कार्यवाही तेजी से की जा रही है। राज्य में पहली बारह विभिन्न गौण खनिज रेत, फर्शी पत्थर, खदानों की नीलामी में ई-आक्शन की प्रक्रिया को अपनाया गया है। ई-आक्शन की प्रक्रिया से कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आई है। ई-आक्शन से गौण खनिज में केवल रेत से ही 10 गुने से अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।

खनिज के परिवहन की प्रक्रिया को सरलीकरण बनाने के लिये ई-टीपी (ट्रांजिट पास) जारी किये जाने की व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था से प्रदेश में खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर अंकुश लगा है। राज्य के सभी जिलों में पृथक से खनिज कार्यालय भवन का निर्माण और कम्प्यूटरीकरण पूरा किया गया है। क्षेत्रीय कार्यालय रीवा और जबलपुर में कार्यालय भवन बनाये जा रहे है।

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