मकान के बदले मकान दिलवाने पर ही खाली करवायेंगे शासकीय आवास

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उच्च शिक्षा मंत्री श्री गुप्ता ने की अधिकारियों के साथ चर्चा

शिवाजी नगर एवं तुलसी नगर में स्थित शासकीय आवासों में रहने वाले अधिकारी-कर्मचारी को अन्य मकान उपलब्ध करवाने के बाद ही उनके आवास खाली करवाये जायेंगे। शासकीय मकान के बदले शासकीय मकान या प्रायवेट मकान में रहने पर उसका किराया दिया जायेगा। मकान का किराया भोपाल स्मार्ट सिटी कम्पनी लिमिटेड देगी। नये मकान बनने के बाद प्राथमिकता से उन्हीं शासकीय कर्मचारियों को फिर से आवंटित किये जायेंगे, जो पहले निवासरत थे। यह जानकारी उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता द्वारा प्रस्तावित स्मार्ट सिटी के संबंध में आहूत बैठक में दी गयी। बैठक में महापौर श्री आलोक शर्मा भी उपस्थित थे।

  • स्मार्ट सिटी होगी डिजिटल और वाई-फाई।

  • 24 घंटे बिजली सप्लाई।

  • लोक परिवहन की व्यवस्था।

  • ऊर्जा बचाने और कचरा प्रबंधन के माकूल इंतजाम।

  • गरीबों के लिये किफायती आवास।

  • सायकल लेन बनेगी।

  • पर्याप्त जल आपूर्ति।

श्री गुप्ता ने कहा कि क्षेत्र में स्थित झुग्गी का फिर से सर्वे करें और उन्हें जेएनएनयूआरएम के तहत नये मकानों में शिफ्ट किया जाये। उन्होंने कहा कि जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहवासियों की शिफ्टिंग का नया ड्राफ्ट तैयार करें। श्री गुप्ता ने कहा कि ड्राफ्ट को प्रकाशित कर संबंधित क्षेत्र के रहवासियों से भी सुझाव लिये जायें। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित स्मार्ट सिटी में ग्रीन लेण्ड एवं खुला क्षेत्र 75 फीसदी होना चाहिये। यहाँ पर 1850 शासकीय आवास स्थित हैं। इन्हें तोड़कर 1940 मकान बनाने का प्रावधान था। उच्च शिक्षा मंत्री ने लगभग 3000 शासकीय आवास बनवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नया निर्माण करवाने पर कितने पेड़ कटेंगे और कितने पेड़ कहाँ लगवाये जायेंगे, इसकी पूरी जानकारी ड्राफ्ट में होनी चाहिए।

बैठक में आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री विवेक अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी में सेकण्ड स्टाप से 6 नंबर स्टाप तक का लगभग 332 एकड़ क्षेत्र शामिल है। यहाँ लगभग 45 हजार लोग निवास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में स्थित अशासकीय भवन, अशासकीय कालोनी, शासकीय स्कूल, धार्मिक स्थल और हास्पिटल को नहीं हटाया जायेगा। क्षेत्र में कुल 9 हजार 126 मकान बनेंगे। निम्न आय वर्ग के लिये 1400 ईडब्ल्यूएस एवं एलआईजी तथा 1000 अर्फोडेबल हाउस प्रस्तावित है। इसके साथ ही एमआईजी, एचआईजी और सीनियर एचआईजी मकान भी प्रस्तावित है। पहले फेस में स्मार्ट सिटी निर्माण पर 3440 करोड़ का खर्च अनुमानित है, जबकि स्मार्ट सिटी से प्रस्तावित आय 6645 करोड़ रूपये सालाना है। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्रीमती छवि भारद्वाज भी उपस्थित थीं।

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