जिले में रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर रहेगा प्रतिबंध

रीवा 29 नवम्बर 2021. कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने ध्वनि उत्पादक एवं जनक स्त्रोतों को विनियमित और नियंत्रित करने के उद्देश्य से सार्वजनिक आपात स्थिति को छोड़कर संपूर्ण जिले में रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों एवं तीव्र संगीत के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने संबंधी आदेश जारी किया है।
आदेश में कहा गया है कि ध्वनि उत्पादक एवं जनक स्त्रोंतो को विनियमित और नियंत्रित करने तथा ध्वनि स्तरों में वृद्धि का मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ने तथा मनुष्य के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने के कारण ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने भारत सरकार पर्यावरण और वन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा ध्वनि प्रदूषण विनियमन और नियंत्रण नियम बनाये गये हैं। साथ ही राज्य कोलाहल के नियंत्रण के लिए एवं उससे होने वाले कुप्रभावों को रोकने के लिए मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम भी बनाया गया है तथा इसी संदर्भ में उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों द्वारा भी समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए गए है। अत: उक्तानुसार प्रावधानों एवं दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व को आदेशित किया है कि सार्वजनिक आपात स्थिति को छोड़कर रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच संपूर्ण जिले में सभी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों एवं तीव्र संगीत का उपयोग नहीं किया जाए। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग प्रात: 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी/तहसीलदार/नायब तहसीलदार की अनुमति से किया जा सकेगा, परंतु यह अनुमति कार्यक्रम दो घंटे से अधिक की नहीं होगी। ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग हेतु दी गयी अनुमति में भारत सरकार द्वारा निर्धारित परिवेशी वायु क्वालिटी मानक का स्पष्ट उल्लेख किया जाए।यदि सार्वजनिक स्थानों के परिसर के अंदर जहां लाउडस्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली या कोई अन्य ध्वनि स्त्रोत, जिसका उपयोग किया जा रहा है, क्षेत्र के लिये परवेशी शोर मानको से 10 डी.बी. (ए) या 75 डी.बी. (ए) जो भी कम हो, से अधिक नहीं होना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में अनुमति प्राप्त व्यक्ति/संस्था द्वारा, भारत सरकार द्वारा बनाए गए ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 में ध्वनि के संबंध में परिवेशी वायु क्वालिटी संबंधी निर्धारित मानक से अधिक ध्वनि का प्रदूषण नहीं करेंगे। यदि कोई व्यक्ति इन प्रावधानों का उल्लंघन करे तो मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 15 एवं 16 के तहत शास्ति अधिरोपित करने एवं जप्ती की कार्यवाही की जाए।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *