खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य पर हुई वृद्धि

रीवा 10 जून 2021. केन्द्र सरकार ने खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है। केन्द्र सरकार द्वारा फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने से किसानों को लाभ होगा और उन्हें अपने पसीने की सही कीमत मिलेगी। इससे फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा और दलहन एवं तिलहन का उत्पादन भी बढ़ेगा। वर्तमान में हमें दलहन का आयात करना पड़ता है। केन्द्र द्वारा खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में 62 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है।

शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर कृषि उपज की सरकारी खरीद के लिये वर्ष 2021-22 में खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिया गया है। शासन द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य में गत वर्ष की खरीफ फसल की तुलना में 62 प्रतिशत अधिक है। घोषित समर्थन मूल्य के अनुसार सर्वाधिक वृद्धि 452 रूपये की तिल में की गई है। इसका समर्थन मूल्य 7307 रूपये प्रति Ïक्वटल घोषित किया गया है। अरहर तथा उड़द 300 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। अरहर के लिये 6300 रूपये तथा उड़द के लिये 6300, मूंग 7275 रूपये तथा पीला सोयाबीन के लिये 3950 रूपये प्रति Ïक्वटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। धान के सामान्य ग्रेड में 72 रूपये की वृद्धि की गई है। इसका समर्थन मूल्य 1940 रूपये प्रति Ïक्वटल निर्धारित किया गया है। जबकि ग्रेड ए की धान के लिये 1960 रूपये समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। समर्थन मूल्य का निर्धारण उत्पादन की लागत के आधार पर किया गया है। समर्थन मूल्य बढ़ने का लाभ जिले के लाखों किसानों को मिलेगा।

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