सियासी घमासान के बीच कांग्रेस युक्त होती भाजपा

सियासी घमासान के बीच कांग्रेस युक्त होती भाजपा

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के क्रियाकर्म से 28 सीटों पर उपचुनाव प्रचार चल रहा है इसी बीच कांग्रेस का एक और विधायक कांग्रेस की करतूत कहेंं या विचारधारा से तंग आकर क्षेत्र के विकास की तमन्ना लिए भाजपा में आ गया तो  एक कांग्रेस नेत्री ने भी भाजपा  ज्वाइन कर लिया। आजकल सोशल मीडिया में मीम और यूजर के ऐसे कमेंट आते हैं कि अगर इसी तरह से कांग्रेस नेताओं का कांग्रेस से मोहभंग होता रहा है तो न जाने कब सोनिया, राहुल, प्रियंका गांधी भी भाजपा ज्वाइन कर लेंं। यह व्यंगात्मक, मसखरी  वाले कमेंट जरूर हैंं लेकिन कहते बहुत कुछ हैंं। वैसे अभी जो प्रदेश देश के युवा विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा के विकासवादी विचारधारा के सहयोगी बने हैं उनका नाम राहुल है ।भाजपा ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था लेकिन यह नहीं कहा था कि कांग्रेस मुक्त भारत करते करते कांग्रेस युक्त भाजपा हो जाएगी। अब अगर कांग्रेस युक्त भाजपा होगी तो उसमें कुछ न कुछ गुण  भी कांग्रेस के अपने आप आ जाएंगे। कांग्रेस भाजपा के मिलन से जो नई भाजपा बन रही है आखिर उसमें डीएनए तो दोनों के रहेंगे। जहां कांग्रेस का एक्स क्रोमोसोम होगा तो भाजपा का वाई  और जहां कांग्रेस का वाई क्रोमोसोम वहां भाजपा का एक्स, कुल मिलाकर एक्स – वाई ,वाई – एक्स तो होना ही है। इसी के अनुरूप  उत्पन्न कांग्रेस – भाजपा या भाजपा – कांग्रेस का गुणधर्म निर्धारित होगा और इस गुणधर्म का मुख्य प्रभाव दिखेगा सत्ता की लोलुपता और उस सत्ता से मिलने वाले लाभ की असीम लालसा के रूप में।
 यह सच है कि भाजपा मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचार अनुसार चलती है और कुछ हद तक अपनी स्वयं की नीतियों से । लेकिन इनका मुख्य उद्देश्य जो कि राष्ट्रवाद है उसमें कहीं आघात न होने लगे इस विषय को  कांग्रेस युक्त होती भाजपा को देखना पड़ेगा । अच्छे लोग जो राष्ट्रवादी सोच रखते हैं भारत माता के गौरव के प्रतिष्ठा के लिए काम करना चाहते हैं उनका भाजपा में स्वागत होना चाहिए क्योंकि वर्तमान कांग्रेस से  ऐसे कार्यों की उम्मीद नहीं की जा सकती लेकिन उन अपराधियों से भी भाजपा को बचना पड़ेगा जो शासन सत्ता की आड़ में अपने काले कारनामे और गलत कार्यों को  मूर्त रूप देने का कार्य करेंगे। भाजपा को यह याद रखना होगा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के समय पर सत्ता के साथ बड़ी संख्या में फसली और नकली लोग भाजपा से जुड़े थे लेकिन चुनाव के समय क्या अंजाम हुआ यह इतिहास है । नरेंद्र मोदी को देश की जनता ने और प्रदेश में भाजपा सरकार को प्रदेश की जनता ने राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दे पर सत्ता दी और दी थी । लेकिन किसान और गाय के मुद्दे को आगे रखकर कांग्रेस ने प्रदेश सत्ता छीन ली थी । आज जो सदस्य कांग्रेस छोड़कर राष्ट्रवाद की विचारधारा को लेकर भाजपा से जुड़े हैं उनका यह प्रयास होना चाहिए कि भारतीय संस्कृति तथा राष्ट्रवाद का सरंक्षण हो। अगर कहीं कांग्रेस युक्त होती भाजपा इन मुद्दों पर कमजोर हुई या उसके कार्य प्रयास और आवाज में इन विषयों पर नरमी आई तो यकीन मानिए भाजपा को बहुत ही जल्दी कांग्रेस होने में देरी न लगेगी क्योंकि फिर दोनों मे अंतर करना मुश्किल होगा और सुविधानुसार कांग्रेस को लोग ज्यादा पसंद करेंगे क्योंकि यहां सुविधा शुल्क देकर भाजपा से ज्यादा अच्छा कार्य कराया जा सकता है।
भारत की बहुसंख्य जनता भाजपा के हाथों में भारत के अस्तित्व रक्षा का कार्य देखती है ऐसे में भाजपा को अपने स्वरूप को शुद्ध रखना जरूरी होगा जैसे समुद्र में आकर नदियां समाहित हो जाती है वैसा ही भाजपा को रहना पड़ेगा क्योंकि इस समय देखने में आ रहा है कि कांग्रेस की राजनीति में पले बढ़े कुछ युवा नेता जो भाजपा में आ रहे हैं उनका ध्येय पूर्व सत्ता के स्वभाव अनुरूप बहुधंधी और बाहुबली बनकर कर  सत्ता का दोहन करना और शासन सत्ता को अपने व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति का माध्यम बनाने का प्रयास हो रहा है । जिसका परिणाम यह होगा कि भाजपा का मतदाता भाजपा से दूर होगा कुछ समय के लिए तो ऐसे स्वार्थी तत्वों की भीड़ से भाजपा हरी-भरी दिखेगी लेकिन उसका समर्पित मतदाता – कार्यकर्ता जो उसका तना है कमजोर होने लगेगा । कांग्रेस युक्त होती भाजपा को इस विषय को ध्यान में रखना होगा कि उसका तना कमजोर न होने पाए। उसके पुराने पत्ते  इधर उधर से आकर चिपके नए पत्तों के नीचे दब कर  दम न तोड़ दें ।  मूल तने के नए पत्तों को भी सतत बढ़ने का मौका मिले ।
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू “
29-10-2020
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