बेटियों को उनके हौसलों के उड़ान भरने के लिये प्रोत्साहित करना जरूरी – कलेक्टर

अन्र्तराष्ट्रीय बालिका दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं का हुआ सम्मान

रीवा 11 अक्टूबर 2020. अन्र्तराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा, खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं का सम्मान किया गया है। शाला त्यागी बालिकाओं के पुन: विद्यालय में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं व स्वसहायता समूह की महिलाओं को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्थानीय स्वंवर विवाह घर में आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुए कलेक्टर इलैयाराजा टी ने कहा कि वेटियों को उनके हौसलों के उड़ान भरने के लिये समाज व अभिभावकों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। आज हर क्षेत्र में महिलाएं व बालिकाएँ अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। यदि उनको आत्मनिर्भर व सक्षम बनने के लिये प्रोत्साहित किया जाय तो निश्चित रूप से वेटियाँ देश की समृद्धि में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर पायेंगी। कलेक्टर ने कहा कि जिन बेटियों व महिलाओं ने किसी भी क्षेत्र में अग्रणी स्थान हासिल किया है उसे आदर्श मानकर लक्ष्य की प्राप्ति की जाय तो सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने लक्ष्य की प्राप्ति के लिये मेरी आवाज समान भविष्य के थीम को लेकर चलने की बात कही। अपनी आवाज को पहचानने से ही शक्ति मिलेगी और समान अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने अपेक्षा की कि प्रशासनिक स्तर पर बालिकाओं के उत्थान संबंधी कार्यक्रम हों जिनमें अच्छे विचार व आवाजें सामने आयें तथा गलत विचारों व आवाजों का दमन हो।
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती विभा पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज में अभिभावक जागरूक हो गये हैं। बेटी व बेटियों के बीच अब अंतर नहीं माना जाता। इसी का परिणाम है कि बेटियाँ हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं। शासन स्तर से भी बेटियों के जन्म से लेकर विवाह तक कई योजनाएँ व कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। कन्या महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. अमरजीत सिंह ने महिलाओं की राजनीति में भूमिका विषय पर प्राचीनकाल से स्वतंत्रता आन्दोलन व स्वतंत्रता के बाद की पृष्टभूमि पर अपने विचार रखे। उन्होंने विवेकानंद जी के उठों जागों और आगे बढ़ो का संकल्प आत्मसात करने की बेटियों से अपेक्षा की। कार्यक्रम में कवियत्री डॉ. सरिता सरल ने बेटियों पर आधारित काव्यपाठ किया। इस दौरान अंकिता पाण्डेय एवं दीक्षा द्विवेदी ने साथियों के साथ सुमधुर गीत प्रस्तुत किये।
इससे पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय ने स्वागत उद्बोधन देते हुए अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के थीम सुरक्षा, सुपोषण, स्वच्छता, जागरूकता के विषय में जानकारी दी। स्वसहायता समूह की सदस्यों हेमलता पाठक व रेशमा बानों ने स्वसहायता समूह से जुड़कर जीवन शैली में आये परिवर्तन व आत्मनिर्भर होने के अपने अनुभव बताये। कराटे संघ की बालिका ने आत्म रक्षा के लिये मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया। तैराकी में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं अंजू बसोर व किरन बसोर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। महिला बाल विकास एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से शाला त्यागी बालिकाओं को पुन: शाला में प्रवेश लेने व शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ने पर बैग किट से पुरस्कृत किया गया। राजकुमार तिवारी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं थीम पर बघेली गीत की प्रस्तुत दी। इस अवसर पर मेधावी छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। अतिथियों ने बालिकाओं द्वारा बेटी बचाओ की रंगोली प्रदर्शन को देखा व मुक्तकंठ से सराहना की। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देते हुए गुब्बारे हवा में छोंडे गये। इस अवसर पर बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। कार्यक्रम में विक्रांत द्विवेदी, सीएमएचओ डॉ. एमएल गुप्ता, सीडब्ल्यूसी की सदस्यगण, ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक अजय सिंह, सहायक संचालक आशीष द्विवेदी, परियोजना अधिकारी जीवेन्द्र सिंह सहित महिलाएं, बालिकाएँ व अभिभावक तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मुकेश येंगल ने किया।

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