शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में स्वच्छता की कार्यशाला आयोजित


स्वच्छता के कार्य में निसंकोच होकर योगदान करें – कमिश्नर डॉ. भार्गव
शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में स्वच्छता की कार्यशाला आयोजित

रीवा 21 जनवरी 2020. शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत स्वच्छता की कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के मुख्य अतिथि कमिश्नर रीवा संभाग एवं प्रशासक नगर पालिक निगम रीवा डॉ. अशोक कुमार भार्गव रहे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि दुनिया का कोई भी ऐसा मुल्क नहीं है जहाँ युवा शक्ति ने कोई बदलाव लाने का काम नहीं किया हो। युवा शक्ति के हाथों में आसमान को छूने की ताकत होती है। युवाओं को अपने जीवन की सार्थकता सिद्ध करने के लिए स्वच्छता के माध्यम से देश के विकास में योगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां स्वच्छता होती है वहां पवित्रता सृजित होती है। इससे स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। हम व्यक्तिगत जीवन में स्वच्छता को ध्यान देते हैं लेकिन सामूहिक या सामुदायिक स्वच्छता के प्रति भी हमें ध्यान देना चाहिए। बाह्य स्वच्छता के साथ-साथ आंतरिक स्वच्छता भी जरूरी है। हमारी स्वच्छता के प्रति लोगों की मनोवृत्ति में सकारात्मक परिवर्तन हो इसके लिए जन जागृति बहुत जरूरी है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि स्वच्छता अभियान जब से पूरे देश में एक मिशन के रूप में प्रारंभ हुआ है तब से जनजागृति बढ़ी है। उन्होंने कहा कि वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में दूषित जल और गंदगी से प्रतिवर्ष 30 लाख बच्चे मर जाते हैं। एक तरफ आज हम मंगल और चन्द्रमा पर पहुंच रहे हैं वहीं दूसरी तरफ स्वच्छता के लिए लोगों को खुले में शौच न जाने की समझाइश दे रहे हैं जो चिंतनीय विषय है। उन्होंने कहा कि हमारी जीवन शैली में बहुत बदलाव आ गया है जिसके कारण गंदगी है। हर व्यक्ति 165 किग्रा कचरा प्रतिवर्ष पैदा करता है। गंदगी के कारण व्यक्ति अगर बीमार हो जाता है तो घर के सदस्यों एवं परिवार की अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। अस्वच्छता और गंदगी हमारे राष्ट्र के विकास को प्रभावित करती है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को इस बात की बड़ी वेदना थी कि हमारी गंदगी घृणित सभ्यता का अंग बन चुकी है। गांधी जी स्वयं अपने शौचालय की सफाई करते थे। दक्षिण अफ्रीका में वे जहां रहते थे वहां भी वह स्वयं सफाई करते थे। गंदगी दिखने पर वह स्वयं झाड़ू और बाल्टी लेकर सफाई करना शुरू कर देते थे। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है। यदि हमने गंदगी की है तो सफाई करने में संकोच नहीं करना चाहिए। स्वच्छता के दर्शन को साकार करने के लिए हमें स्वयं सफाई करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के दूत बनकर रीवा शहर को स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में फाइव स्टार प्लस-प्लस रेटिंग दिलाने की कोशिश करें। हम सब गर्व से कह सकें कि हमारा शहर साफ-सुथरा है। हम सफाई के प्रति खुद सचेत रहें और दूसरों को भी सचेत रहने के लिए प्रेरित करें। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने छात्र-छात्राओं को स्वच्छता की शपथ दिलायी और शपथ को निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए एप डाउनलोड करने की भी अपील की।
महाविद्यालय के भूतपूर्व छात्र एवं पुरा छात्र एसोसिएशन के सचिव राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि कोई भी अभियान हमारे देश में चलता है तो उसमें इंजीनियर्स की अहम भूमिका होती है। हम सबको गांधीजी के सपने को साकार कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देनी चाहिए। स्वच्छता से हमें बीमारियों से मुक्ति मिलती है। स्वच्छता हमारे मन और विचारों में भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक से मुक्ति भी बहुत जरूरी है। इसके लिए हम सबकी जागरूकता एवं सहभागिता होना चाहिए।
स्वागत उद्बोधन देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी.के. अग्रवाल ने कहा कि कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता अभियान प्रारंभ कर देश से गंदगी हटाने का सपना देखा था। यदि हम सब एक हो जायें तो हम अपने देश को साफ-सुथरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रीवा को ओडीएफ घोषित किया गया है जो हमारे लिए गौरव की बात है। स्वच्छता हमारे रहन-सहन की एक संस्कृति है। स्वच्छता के संदेश को जन-जन तक पंहुचाने का महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने संकल्प लिया है। कार्यशाला का संचालन एवं आभार प्रदर्शन महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. संदीप पाण्डेय ने किया। कार्यशाला में उपायुक्त नगर निगम अरूण मिश्रा, सहायक आयुक्त निधि राजपूत, महाविद्यालय के प्राध्यापकगण व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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