दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत आज तक 6493 गांवों का विद्युतीकरण

The Minister of State (Independent Charge) for Power, Coal and New and Renewable Energy, Shri Piyush Goyal interacting with officials on 'Innovative Budgeting & Effective Implementation' and 'Accelerated Growth with Inclusion & Equity', in New Delhi on March 14, 2016. 	The Secretary, Ministry of Power, Shri P.K. Pujari and the Secretary, Ministry of Coal, Shri Anil Swarup are also seen.

दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत देश भर के 323 गांवों का गत सप्ताह (6 से 13 मार्च, 2016) विद्युतीकरण कर दिया गया। इनमें 86 गांव ओडिशा, 73 गांव झारखंड, 61 गांव उत्तर प्रदेश, 42 गांव अरुणाचल प्रदेश, 33 गांव बिहार, 16 असम, छह छत्तीसगढ़, तीन मध्य प्रदेश और तीन राजस्थान के हैं। विद्युतीकरण की प्रक्रिया की प्रगति के बारे में http://garv.gov.in/dashboard  से पता लगाया जा सकता है।

 

विद्युतीकरण की प्रक्रिया के बारे में अपडेट

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को दिए संबोधन के आलोक में भारत सरकार ने 1000 दिन के भीतर यानी पहली मई, 2018 तक बिजली से महरूम 18,452 गांवों में बिजली पहुंचाने का फैसला किया है। इस परियोजना को मिशन मोड में चलाया जा रहा है और विद्युतीकरण के लिए 12 महीने की कार्यान्वयन सूची बनाई गई है। इसमें गांवों में विद्युतीकरण की प्रक्रिया को 12 अलग-अलग चरणों में बांटा गया है। साथ ही इसकी मॉनीटरिंग के लिए समयसीमा भी निर्धारित की गई है।

वर्ष 2015-16 के दौरान आज की तारीख तक 6493 गावों में बिजली पहुंचा दी गई है। शेष बचे 11,959 गांवों में से 8219 गांवों को ग्रिड के जरिए विद्युतीकृत किया जाएगा। उन 3267 गांवों को ऑफ-ग्रिड के जरिए बिजली से जोड़ा जाएगा, जहां भौगोलिक बाध्यताओं के कारण ग्रिड के जरिए बिजली पहुंचाना संभव नहीं है। 473 गांवों को राज्य सरकारें खुद ही विद्युतीकृत करेंगी। अप्रैल 2015 से 14 अगस्त 2015 के दौरान 1654 गांवों का विद्युतीकरण किया गया और भारत सरकार द्वारा इस काम को मिशन मोड में चलाने की पहल के बाद 15 अगस्त, 2015 से 13 मार्च, 2016 तक 4839 अतिरिक्त गांवों का विद्युतीकरण कर दिया गया है। गांवों तक बिजली पहुंचाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) के जरिए बारीकी से नजर रखी जा रही है। इससे साथ ही निरंतर आधार पर आरपीएम की बैठक के दौरान मासिक आधार पर प्रगति की समीक्षा करने, राज्य डिस्कॉम के साथ विद्युतीकरण की प्रक्रिया में शामिल गांवों की सूची साझा कर और निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रहे गांवों की पहचान करने जैसे विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं।

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