पेयजल की उपलब्धता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता – कमिश्नर डॉ. भार्गव

 

रीवा 15 मई 2019. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव की अध्यक्षता में संभाग में पेयजल समस्या निदान हेतु बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि लोगों की पेयजल संबंधी शिकायतों का तत्काल निराकरण किया जाये। सभी जिलों में कंट्रोल रूम प्रभावी रूप से क्रियान्वित रहें। कंट्रोल रूम के टेलीफोन नम्बर का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि आगामी 15 जुलाई तक लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कार्य योजना बनाकर कार्य करना सुनिश्चित करें। नगरीय निकायों में पानी की उपलब्धता बनी रहे यह नगरीय निकाय की प्रमुख जिम्मेदारी है। उन्होंने पानी की गुणवत्ता का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए। इसी तरह उन्होंने दूरस्थ एवं ग्रामीण अंचलों में भी पानी उपलब्ध कराने के संबंध में पीएचई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने पीएचई विभाग के अधिकारियों से पेयजल समस्या ग्रस्त ग्रामों के लिए बनाई गई कार्य योजना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता निरंतर बनी रहे। हैण्डपंप या नल जल योजना बंद होने के कारण पेयजल संबंधी समस्याओं की शिकायतें नहीं मिले। जो हैण्डपंप एवं नल जल योजनाएं बंद हैं उन्हें तत्काल दुरूस्त कराया जाये।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि रीवा एवं सतना जिले में पेयजल संबंधी समस्याएं अधिक हैं अत: इन्हें दुरूस्त करने के लिए ध्यान देकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने नल जल योजनाओं एवं हैण्डपंपों के बंद होने के कारण अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने पेयजल परिवहन की भी समीक्षा की और निर्देश देते हुए कहा कि जहां पेयजल परिवहन की आवश्यकता है वहां पेयजल परिवहन कर उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि जिन हैण्डपंपों का पानी पीने योग्य नहीं है वहां संकेत चिन्ह लगायें। शत-प्रतिशत नलजल योजनाएँ चालू रहें। नगरीय क्षेत्रों में पानी की जांच करके ही पानी की आपूर्ति की जाये। पेयजल स्त्रोत पूरी तरह सुरक्षित रहें, उनके आसपास गंदगी नहीं होनी चाहिए। गुणवत्ता पूर्ण पानी ही लोगों को उपलब्ध करायें। जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलायें। पानी की बर्बादी नहीं हो इसके लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है। जल स्त्रोतों की साफ-सफाई लगातार करायें। जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलायें। पाइपलाइन टूटी-फूटी होने की वजह से पानी प्रदूषित नहीं हो। इस ओर ध्यान दिया जाये। पेयजल को लेकर सतत समीक्षा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन कार्यों को पूरा करने में यदि कोई ठेकेदार विलंब करता है तो उस पर सख्ती से कार्यवाही करें। उन्होंने निर्धारित समयावधि में पेयजल संबंधी अधोसंरचनाओं के कार्यों को पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी नगरीय निकायों का दायित्व है कि पीने का पानी सहज और सरल रूप से उपलब्ध करायें। जल की देयता को ध्यान में रखते हुए जल का मितव्यता से उपयोग करें और प्रदूषित होने से बचायें। भू-गर्भीय जल का अत्याधिक दोहन, बढ़ती आवादी का दबाव, जल प्रबंधन ठीक न होना और शिक्षा की कमी तथा जागरूकता नहीं होने से जल संकट बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए सभी संबंधित एजेंसियां तथा निकाय जल शिक्षा के माध्यम से आम जनता को प्रेरित करें। भविष्य में जल संकट प्रभावित क्षेत्र में समस्या आती है तो उसको आकस्मिक कार्य योजना बनाकर दूर किया जाये।
बैठक में आयुक्त नगर निगम रीवा सभाजीत यादव, आयुक्त नगर निगम सिंगरौली शिवेन्द्र सिंह, संयुक्त आयुक्त राकेश शुक्ला, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन आर.पी. सोनी, कार्यपालन यंत्री पीएचई शरद कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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