सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन का सशक्त विकल्प – राज्यपाल

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने किया गुढ़ सोलर ऊर्जा संयत्र का अवलोकन

रीवा 02 फरवरी 2019. रीवा जिले के गुढ़ की पहाड़ियों में 750 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लिये स्थापित सौर ऊर्जा संयत्र का आज मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अवलोकन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा को विद्युत उत्पादन के सशक्त विकल्प के तौर पर लेते हुए अधिक से अधिक सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित किये जायें ताकि हमें जल एवं कोयला से बनने वाली बिजली पर कम निर्भर रहना पड़े। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा से प्रदूषण मुक्त विद्युत उत्पादन होता है। अत: सार्वजनिक स्थलों के अतिरिक्त शासकीय भवनों की छतों में सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने के संयत्र लगाकर विद्युत उत्पादन के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सूर्य, विद्युत प्रदाय का सबसे बड़ा माध्यम है साथ ही इससे पैदा होने वाली बिजली काफी सस्ती भी होती है।
राज्यपाल ने गुढ सोलर प्लांट स्थापना के पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण को देखते हुए कहा कि कौशल विकास केन्द्रों, आईटीआई व अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सोलर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन को अनिवार्यत: शामिल किया जाना चाहिए जिससे प्रशिक्षित युवा आगे आयें व उन्हें रोजगार एवं स्वरोजगार के संसाधन मिल सकें। राज्यपाल ने कहा कि गुढ़ सोलर प्लांट की उन्होंने काफी चर्चा सुनी थी और उनकी इच्छा इसे देखने की थी। गत दिवस सिंगरौली से वापस आते समय हेलीकाप्टर से इसे देखा भी था। ऊपर से इसका विहंगम दृश्य दिखा था। आज इस संयत्र का मौके पर अवलोकन करके काफी खुशी हो रही है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि संयत्र से विद्युत उत्पादन की कार्य प्रणाली व सम्पूर्ण सौर ऊर्जा संयत्र को विभिन्न विद्यालयों के बच्चों को अवश्य दिखाते रहें जिससे उनके मानस पटल पर इसका परिदृश्य अंकित हो और भविष्य में वह इन सब के विषय में सोचेंगे। क्योंकि देखेंगे तभी तो सोचेंगे। बच्चे हमारा भविष्य हैं अत: राष्ट्र के निर्माण हेतु इनके मन में भावना जागृत करनी चाहिए।
राज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि आसपास के गांवों के शासकीय भवनों की छत में सोलर प्लांट लगायें तथा स्थानीय लोगों को इसकी स्थापना हेतु प्रेरित करें तथा इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो जिससे वह अपने घरों में सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने स्थानीय लोगों को सोलर प्लांट में अनुभव व शिक्षा के अनुरूप रोजगार दिये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण देकर भी स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। राज्यपाल ने सोलर प्लांट निर्माण कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा अपेक्षा की कि इस प्रकार बंजर एवं अनुपयोगी भूमि की तलाश कर सौर ऊर्जा के अन्य संयत्र स्थापित किये जायें। पावर ग्रिड आफिस में पावर प्वाइंट के माध्यम से सौर ऊर्जा संयत्र की स्थापना से लेकर उत्पादन तक की कार्य प्रणाली का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस दौरान बताया गया कि मूविंग प्लेट लगाकर भी अधिक विद्युत उत्पादन का कार्य कराया जा रहा है। संयत्र से बनने वाली बिजली अपने प्रदेश में खपत हो रही है तथा शेष बिजली से दिल्ली की मैट्रो ट्रेन चल रही है। आगामी 25 वर्ष में ट्रेन में संयत्र से 2086 करोड़ रूपये की आय संभावित है।
इससे पूर्व विधायक रीवा एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने गुढ़ सौर ऊर्जा संयत्र के विषय में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह संयत्र विश्व के परिदृश्य में स्थापित हुआ है। यह संयत्र देश के लिये गौरव है जिसने विन्ध्य व रीवा की पहचान दिलवायी। वर्तमान समय में यहाँ 450 मेगावाट से अधिक का उत्पादन हो रहा है। मार्च 2019 तक नियत 750 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होने लगेगा।

राज्यपाल ने व्यू प्वाइंट से देखा सोलर प्लांट का नजारा – राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने व्यू प्वाइंट से सोलर प्लांट का नजारा देखा। उन्होंने दिखने वाले दृश्य को अद्भुत बताया तथा कहा कि यहाँ व्यू प्वाइंट का बोर्ड लगाया जाये ताकि आने-जाने वाले लोग यह विहंगम दृश्य देख सकें। स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यहाँ के युवा सौर ऊर्जा से संबंधित व अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम में पारंगत हों और स्थानीय स्तर पर रोजगार व स्वरोजागार स्थापना का कार्य करें। इससे पूर्व राज्यपाल ने पावर ग्रिड कार्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया। इस अवसर पर विधायक सेमरिया केपी त्रिपाठी, अपर कलेक्टर बीके पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक आबिद खान, अनुविभागीय अधिकारी गुढ़ केपी द्विवेदी, ऊर्जा विकास निगम के कार्यपालन यंत्री एसएस गौतम, पावर ग्रिड के अरविंद सिंह, सहित विजय सिंह, खालिद एवं महेन्द्रा, एक्मे व Ïस्प्रग एनर्जी कम्पनियों के अधिकारी उपस्थित थे।

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