देश की पर्यावरणीय चिंताओं पर विमर्श जरूरी – रहस्यमणि मिश्र

रीवा 26 दिसम्बर 2018. मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोग शाला प्रत्यायन बोर्ड विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं पर्यावरण विशेषज्ञ प्रो. रहस्यमणि मिश्र ने कहा कि सामाजिक मूल्यों के विघटन से देश का नुकसान बढ़ता जा रहा है। विकास अत्यावश्यक है लेकिन संस्कार एवं देश के प्रत्येक व्यक्ति को देश की पर्यावरणीय चिंताओं को गंभीरता से समझना होगा और इस पर विमर्श कर समाधान निकालना होगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रीवा के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. राकेश सिंह परिहार ने कार्यशाला के उद्देश्य बताते हुए कहा कि पर्यावरणीय कारकों को गंभीरता से न लेने के कारण आज देश की राजधानी दिल्ली की स्थिति बदतर होती चली गयी है। रीवा संभाग में सर्वाधिक सीमेन्ट फैक्टरियां, चूने भट्टे एवं औद्योगिक इकाईयों एवं जल स्त्रोतों की जांच के लिये यहीं राष्ट्रीय स्तर की अत्याधुनिक प्रयोग शालाओं की आवश्यकता है जो यहां के विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में स्थापित होनी चाहिये। कन्या महाविद्यालय के अतिथि विद्वान एवं रिएक्ट संस्था के अध्यक्ष डॉ. मुकेश येंगल ने कहा कि देश की आजादी से पूर्ण ही महात्मा गांधी जी ने पर्यावरण सम्मत विकास की अवधारणा पर बल दिया था लेकिन विकास की दौड़ में सर्वाधिक उपेक्षा पर्यावरण की ही होती चली गयी। एनवायरेन्ट इम्पैक्ट एसेसमेन्ट एवं कैरिंग कैपिसिटी जैसी तकनीकी के साथ अब एन.ए.पी.एल. राष्ट्रीय प्रयोग शालाओं की सर्वाधिक आवश्यकता है जो आने वाले समय में संतुलन कायम कर विकास एवं पर्यावरण संरक्षण में सामंजस्य स्थापित कर पायेंगी।
कार्यशाला में नागपुर से आये विषय विशेषज्ञ संजीव तारे ने राष्ट्रीय प्रयोगशाला स्थापित किये जाने के विभिन्न प्रावधानों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की। शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एस. अग्रवाल ने बताया कि इंजी. कालेज में ऐसी लैब स्थापित करने की पहल प्रारंभ कर दी गयी है। आयोजित कार्यशाला को विभाग के डॉ. राहुल द्विवेदी, विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आर.एन. पटेल एवं उप संचालक सतीश निगम ने भी सम्बोधित किया।
तीन दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिवस शासकीय कन्या महाविद्यालय रीवा डॉ. रचना श्रीवास्तव, डॉ. ज्योति सिंह, डॉ. गीता सिंह डॉ. विकास पाण्डेय, डॉ. जीतेन्द्र शुक्ल, राजेश शुक्ला, डॉ रश्मि, जयदीप सिंह, डॉ. दिलीप शुक्ला, आंचल जायसवाल, एकेएस वि.वि. सतना से डॉ. अजय खरे, वैज्ञानिक डॉ. एस.डी. तिवारी, संजय जैन, भूमिगत जल सर्वेक्षण के पी वैकर, बिरला केवल से जे.के. महाजन, ग्रामोदय वि.वि. चित्रकूट से डॉ. एस.के. त्रिपाठी, जे.पी. सीमेन्ट, अल्ट्राटेक एवं बिरला सीमेन्ट के अधिकारी, वैज्ञानिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय रीवा जबलपुर के अधिकारी कर्मचारी, वैज्ञानिक रसायन छात्र, छात्रायें, उपस्थित थे।

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