तीन दिवसीय बालरंग के पहले दिन हुई राज्य-स्तरीय प्रतियोगिता

संभागवार स्कूल के बच्चों ने दीं सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
भोपाल : बुधवार, दिसम्बर 19, 2018

भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आज से तीन दिवसीय बालरंग समारोह शुरू हुआ। समारोह के पहले दिन राज्य-स्तरीय प्रतियोगिताएँ हुईं। इन प्रतियोगिताओं में विभिन्न संभागों के स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं।

समारोह का शुभारंभ आयुक्त, लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने किया। श्रीमती कियावत ने कहा कि बालरंग के आयोजन ने मध्यप्रदेश को विशिष्ट पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि बालरंग बच्चों को सीखने-सिखाने की गतिविधियों का महापर्व है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि देश की वैभवशाली सांस्कृतिक धरोहर नृत्य, गायन, वादन और अन्य कलाओं में विद्यार्थी बालरंग से प्रेरणा लेकर बड़े मंचों पर अपनी बेहतर प्रस्तुतियाँ देंगे।

बालरंग समारोह के पहले दिन सांस्कृतिक, साहित्यिक, संस्कृत और योग की विभिन्न बच्चों ने प्रस्तुतियाँ दीं। इन प्रतियोगिताओं में दिव्यांग बच्चों द्वारा दी गई प्रस्तुतियाँ आकर्षण का केन्द्र रहीं। आज से लघु भारत प्रदर्शनी भी प्रारंभ हुई। प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों की संस्कृति एवं गौरवशाली परम्पराओं का आकर्षक ढंग से प्रदर्शन किया गया। समर्थ प्रदर्शनी के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों का स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा आकर्षक ढंग से प्रदर्शन किया गया। बालरंग में स्कूली बच्चों ने प्रदेश के प्रसिद्ध व्यंजनों के स्टॉल भी लगाये हुए हैं। बालरंग समारोह में 20 और 21 दिसम्बर को राष्ट्रीय लोक-नृत्य प्रतियोगिता होगी। समारोह में स्काउट कैम्प में जंगल कैम्प, रिवर क्रॉसिंग, मंकी ब्रिज, कमाण्डो ब्रिज की जानकारी स्कूल के बच्चों को दी जा रही है।

राज्यपाल करेंगी बालरंग समारोह का शुभारंभ

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल गुरुवार, 20 दिसम्बर को मानव संग्रहालय में राष्ट्रीय बालरंग समारोह का शुभारंभ प्रात: 10 बजे करेंगी। राष्ट्रीय बालरंग समारोह में हिमाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखण्ड, तेलंगाना, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम, त्रिपुरा, मणिपुर राज्य के अलावा दो केन्द्र शासित प्रदेश दादर एवं नगर हवेली और दिल्ली के स्कूली बच्चे सहभागिता कर रहे हैं। राष्ट्रीय बालरंग समारोह में विभिन्न राज्यों के लोक-नृत्यों की प्रस्तुतियाँ दी जायेंगी।

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