विश्वविद्यालय में उच्च स्तरीय सुविधायें प्रदान करने के लिये संकल्पित हैं- उद्योग मंत्री

उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने विश्वविद्यालय के 51 वे स्थापना दिवस समारोह एवं स्वर्ण जयंती समापन समारोह में कहा कि विश्वविद्यालयों के शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जाये। यहाँ उच्च स्तरीय शिक्षा की गुणवत्ता को प्रोत्साहित किया जाये। अपने देश की परम्परा एवं संस्कृति अपनाने पर बल दिया जाये। युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है उसे प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
इस मौके पर उद्योग एवं खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, सिरमौर के विधायक दिव्यराज सिंह, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केदारनाथ सिंह यादव, डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के कुलपति आर.पी. तिवारी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति टी.बी. कट्टिमणि, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालाय जबलपुर के कुलपति कपिल देव मिश्र, जगदगुरू राम भद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के कुलपति योगेशचन्द्र दुबे, कुल सचिव लाल साहब सिंह सहित प्राध्यापक उपस्थित थे।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों की सुविधा को देखते हुये महाविद्यालयों मं परीक्षा की सेमेस्टर प्रणाली समाप्त कर पुरानी प्रणाली लागू की गयी है। भारतीय परम्परा एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये विश्वविद्यालयों में आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान गाउन पहनने की व्यवस्था को समाप्त कर भारतीय वेश भूषा में उपाधि ग्रहण करने की परम्परा प्रारंभ की है। मंत्री श्री पवैया ने कहा कि महाविद्यालयों में दी जा रही शिक्षा में नवाचार करके सामाजिक सारोकर से जोड़ कर शिक्षा दी जाये ताकि युवकों में आत्मविश्वास बढ़े, उनके व्यक्तित्व का विकास हो और वे वास्तविक रूप से संस्कारी बनें। उनका चरित्र निर्माण किया जाये ताकि वे भविष्य में अच्छे नागरिक बन सकें। दुनियां में सभ्यतायें तो बदलती हैं लेकिन संस्कृति कभी नहीं बदलती। प्रतिभा पैसे की दासी नहीं होती व्यक्तित्व के विकास के साथ प्रतिभा में निखार आ जाता है।
उन्होंने कहा कि म.प्र. शासन ने युवाओं को उच्च शिक्षा देने के लिये अनेक योजनायें प्रारंभ की हैं। उच्च शिक्षा के लिये शिक्षा ऋण दिया जाता है, यदि उच्च शिक्षा के लिये विदेश जाना है तो उसके लिये भी ऋण सुविधा प्रारंभ की गई है। स्कूल एवं कालेज की फीस सरकार भर रही है।
उद्योग एवं खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय में उच्च स्तरीय सुविधायें प्रदान करने के लिये वे संकल्पित हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की गरिमा बनाने के लिये परिसर में मूलभूत एवं आधार भूत सुविधायें विकसित कराई हैं। विश्वविद्यालय के छात्र किसी अन्य विश्वविद्यालय के छात्रों से पीछे नहीं है। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की पहचान पूरे राष्ट्र में कायम हुई है। यहाँ की गरिमा को ध्यान में रखते हुये प्राथमिकता के आधार पर समस्याओं का निराकरण किया जायेगा।
इससे पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने विश्वविद्यालय में 68 लाख रूपये की लागत से बनाये गये व्यवसाय प्रशासन विभाग विस्तार भवन का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलपति प्रो. केदारनाथ सिंह यादव ने उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल एवं मंचासीन अतिथियों को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। आभार प्रदर्शन कुल सचिव लाल साहब सिंह ने किया।

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