भारत-स्वीडन के बीच इनोवेशन पार्टनरशिप पर सहमति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टेफान लवैन के साथ द्विपक्षीय मुलाकात हुई, जिसमें आपसी संबंधों को मजबूत करने पर बात हुई| दोनों देशों में इनोवेशन पार्टनरशिप और ज्वाइंट एक्शन प्लान पर सहमति बनी| साथ ही सुरक्षा सहयोग ख़ासकर साइबर सुरक्षा और मज़बूत करने का फैसला हुआ है| इस मौके पर स्वीडिश पीएम ने भारत की जमकर तारीफ की|

तीन दशक बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की स्वीडन यात्रा व्यापार और निवेश और द्विपक्षीय रिश्तों के लिहाज़ से एक नया अध्याय लेकर आई| राजधानी स्टॉकहोम में नवोन्मेष को लेकर दोनों देशों के बीच समझौते हुए| साथ ही सयुंक्त कार्ययोजना पर भी हस्ताक्षर हुए| भारत में विकास के अवसरों को लेकर स्वीडन नवीकरणीय, शहरी यातायात और वेस्ट मैनेजमेंट पर भी दोनों देशों बीच कई अवसर हैं|

साथ ही भारत के मेक इन इंडिया में स्वीडन शुरू से ही मजबूत भागीदार रहा है| 2016 में मुंबई में मेक इंडिया कार्यक्रम में स्वीडन की भागीदारी अहम थी|

रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में स्वीडन भारत का अहम सहयोगी है| कई दूसरे वैश्विक मंचों पर भी स्वीडन भारत का पुरज़ोर समर्थक देश रहा है| गौरतलब है कि स्वीडन नार्डिक देशों का सदस्य भी है और ये संगठन उच्च आय वाले समाज का प्रतिनिधित्व करता है|

भारत-स्वीडन के साथ विर्निमाण क्षेत्र में मज़बूती के साथ क़दम रख रहा है| साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 1.8 अरब डॉलर है| ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीडन के प्रमुख उद्योगपतियों से भी मुलाक़ात की| गौरतलब है कि 170 से अधिक स्वीडिश कंपनियों का लगभग 1.4 अरब डॉलर का निवेश भारत में है| साथ ही स्वीडन में रहने वाले तकरीबन 20 हज़ार भारतीयों के लिए भी प्रधानमंत्री का दौरा काफी उत्साह वाला है| इस बीच प्रवासियों और ख़ासकर बच्चों में भी पीएम मोदी को लेकर भी उत्साह दिखा|

प्रधानमंत्री का एक दिवसीय दौरा काफी व्यस्त रहा| 10 घंटे की स्वीडन यात्रा में प्रधानमंत्री के तकरीबन 10 कार्यक्रम रहे. प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की शुरुआत सुबह स्वीडन के राजा किंग कार्ल सोलहवें गुस्ताफ से मुलाक़ात से शुरू हुई. स्वीडन किंग के आधिकारिक आवास रॉयल कैस्टल में हुई इस मुलाक़ात के दौरान द्विपक्षीय सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई| प्रधानमंत्री की यात्रा दोनों देशों के बीच निवेश को बढ़ावा देगी, साथ ही वैश्विक मंच पर कई मुद्दों पर साझा नज़रिए को भी बल मिलेगा|

 

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