उत्तर-पूर्व के विकास के लिए 4,500 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को उत्तर-पूर्व के विकास के लिए 4,500 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दे दी| यह राशि अगले तीन सालों के लिए है| सरकार ने इस राशि को खर्च करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों की पहचान की है| 4,500 करोड़ रुपये में से एक हजार करोड़ रुपये उत्तर-पूर्व में सड़कों को बेहतर बनाने पर खर्च किया जाएगा|
सरकार ने कुछ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की है जिसमें बांस, सूअर पालन, क्षेत्रीय पर्यटन, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका परियोजना तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी शामिल हैं| सरकार के इन प्रयासों से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के सामाजिक-आर्थिक लाभ में इजाफा होगा साथ ही इन लोगों की क्षमताएं और आजीविका बेहतर होगी| सरकार की कोशिश पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करना है| पीएम खुद व्यक्तिगत तौर पर इसमें रुचि ले रहे हैं| यही वजह है कि वो अब तक करीब 29 बार पूर्वोत्तर का दौरा कर चुके हैं| इसके अलावा केंद्र सरकार पहले ही 5,300 करोड़ रुपये की पूर्वोत्तर विशेष बुनियादी ढांचा विकास योजना को मंजूरी दे चुकी है| पूर्वोत्तर औद्योगिक विकास योजना 2017 को 2020 तक बढ़ाने की मंजूरी मिल चुकी है| साथ ही पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय का बजट 2,737 करोड़ से बढ़ाकर 3,060 करोड़ किया जा चुका है| जाहिर है इन सब कदमों के साथ ही पूर्वोत्तर का विकास तेजी से हो रहा है|