प्रवासी भारतीय सांसद सम्मेलन को प्रधानमंत्री ने संबोधित किया

भारतीय मूल के सांसदों का पहला सम्‍मेलन आज नई दिल्‍ली में आयोजित हुआ। प्रवासी भारतीय मंत्री मध्यप्रदेश शासन  श्री राजेन्द्र शुक्ल कार्यक्रम मे  रहे शामिल।  प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस एक दिवसीय सम्‍मेलन का उद्घाटन किया। विभिन्‍न देशों में भारतीय मूल के एक सौ चौबीस मौजूदा सांसद और 17 महापौर ने सम्‍मेलन में भाग लिया। इस तरह का आयोजन भारत सरकार की ओर से पहली बार किया गया है

विदेशों में मौजूद भारतीय मूल के लोगों से संपर्क और संवाद को और ज्यादा मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया । दिल्ली में विभिन्न देशों से आए भारतीय मूल के  सांसदों और मेयरों का एक सेमिनार आयोजित किया गया. सेमिनार के उद्घाटन सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया।  इस आयोजन में 20 देशों से भारतीय मूल  के 124 सांसद और 17 मेयर ने हिस्सा लिया। इस तरह का आयोजन भारत सरकार की ओर से पहली बार किया जा रहा है, इसमें सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल गयाना से है जिसमें 20 सांसद और 3 मेयर शामिल हैं।

प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आप सभी को प्रवासी भारतीय दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।  मैं दुनिया के कई क्षेत्रों, विश्‍व के हर कोने से यहां आए आप सभी प्रवासी मित्रों का सवा सौ करोड़ देशवासियों की तरफ से स्‍वागत करता हूं।  वेलकम टू इंडिया, वेलकम टू होम।

पीएम मोदी द्वारा कही गई मुख्‍य बातें…

-आपकी पुरानी यादें भारत के अलग-अलग कोने से जुड़ी हैं.
-कुछ लोग जबरन भारत से ले जाए गए. कुछ लोग खुद गए और कुछ को बहलाया फुसलाया गया.
-कुछ भावनाएं आंसू के जरिये निकलना चाहती है.
-आज आपको यहां देखकर आपके पूर्वजों को कितना प्रसन्‍नता रही होगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.
-सैंकड़ों वर्षों के कालखंड में भारत से जो भी लोग बाहर गए, भारत उनके मन से कभी भी बाहर नहीं निकला.
-विश्‍व के जिस भूभाग में वो गए, उन्‍होंने भारत की सभ्‍यता और मूल्‍यों को जीवित रखा.
-भारतीय मूल प्रवासी जहां भी गए, वहां पूरी तरह एकीकृत होकर उस जगह को अपना बना लिया.
इस आयोजन में दो मुख्य बिंदुओं पर चर्चा हुई, पहले सत्र में विषय रहा  –  विदेशों में बसे भारतीय मूल के सांसद – संघर्ष का सफर और दूसरे भाग में  ” पुनरुत्थानशील भारत – विदेशों में बसे भारतीय मूल के सांसदों के योगदान पर विशेष चर्चा होगी ।

पिछले साल प्रवासी भारतीय दिवस बंगलूरू में आयोजित किया गया था, प्रवासी भारतीयों की मदद और उनसे संपर्क स्थापित करना मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है, 2014 में सत्ता संभालने के बाद विश्व भर में भारतवंशियों से प्रधानमंत्री मोदी अपने विदेश दौरों में संपर्क करते रहे हैं। देश में हर साल 9 जनवरी को विदेश में बसे भारतीय मूल के लोगों का भारत के विकास में योगदान को रेखांकित करने के लिए प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है, सन 1915 में इसी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अफ्रीका से भारत आए थे।

इन देशों से कुल 141 जन प्रतिनिधियों के भाग लेने का कार्यक्रम है।  ब्रिटेन, कनाडा, फिजी, केन्या, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और अन्य देशों से 124 सांसदों के इसमें भाग लेे रहे हैं. मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस सम्मेलन में अमेरिका, मलेशिया, स्विटजरलैंड, गुयाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो सहित अन्य देशों से 17 मेयर के भी यहां दिन भर के कार्यक्रम में शरीक होंगे।  लगभग 270 भारतीय मूल के ऐसे लोग हैं जो विभिन्न देशों में सांसद हैं वहीं पुर्तगाल, मॉरिशस और आयरलैंड जैसे देशों में भारतीय मूल के  राष्ट्रप्रमुख भी हैं।

 

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