आसियान शिखर सम्मेलन की सफलता के बाद स्वदेश लौटे प्रधानमंत्री

आसियान शिखर सम्मेलन की सफलता के बाद प्रधानमंत्री मोदी स्वदेश लौटे, एक्ट ईस्ट पॉलिसी पर प्रधानमंत्री ने एक बड़ी पहल करते हुए सभी आसियान देशों के राष्ट्रप्रमुखों को आगामी गणतंत्र दिवस समारोह का न्योता भी दिया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, फिलीपींस की तीन दिवसीय सफल यात्रा के बाद वापस दिल्ली आ गये हैं। पीएम ने आसियान सम्मेलन और भारत-आसियान सम्मेलन में हिस्सा लिया। आसियान सम्मेलन के दौरान पीएम ने अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड समेत कई देशों के प्रमुखों से आतंकवाद सहित विभिन्न विषयों पर दि्वपक्षीय वार्ता की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में संयुक्त प्रयासों का आह्वान करते हुए कहा कि भारत को इसके चलते बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ा है। प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि नियमों पर आधारित क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे पर भारत का आसियान को समर्थन जारी रहेगा।

सरकार की ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत आसियान देशों विशेषकर एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ घनिष्ठ संबंध रखने के संकल्प को व्यक्त करने के इरादे से पीएम मोदी ने जब आसियान भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया तो सदस्य देशों से सहयोग बढाने की खास अपील की। फिलीपींस की राजधानी मनीला में पीएम मोदी ने 15वें आसियान भारत शिखर सम्मेलन में आसियान देशों के साथ पुराने रिश्तों को याद करते हुए कहा कि सामुद्रिक व्यापार की वजह से हजारों साल पहले संबंध स्थापित हुए थे और अब इसे और मजबूत बनाना है। पीएम ने कहा कि तीसरी आसियान-भारत कार्य योजना के तहत आपसी सहयोग के हमारे व्यापक एजेंडे ने प्रगति की है जिसमें राजनीतिक सुरक्षा, आर्थिक और सांस्कृतिक भागीदारी के तीन महत्वपूर्ण स्तंभों को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि भारत का नियमों पर आधारित क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे पर आसियान का समर्थन जारी रहेगा।

आसियान और दुनिया के सामने मौजूद आतंकवाद की समस्या का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इसकी चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक तौर पर लड़ना होगा। पीएम ने कहा कि इस बार सम्मेलन का थीम शेयर्ड वैल्यू कामन डेस्टनी है और उम्मीद है कि आसियान के देश एक लक्ष्य और एक पहचान के साथ काम करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले साल गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान देशों के प्रमुख मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे और देश की सवा सौ करोड जनता उनके स्वागत का इंतजार कर रही है।

सम्मेलन में पीएम का जोर सदस्य देशों में अधिक सहयोग और आर्थिक जुड़ाव पर था । हाल के दिनों में भारत और आसियान के बीच व्यापार और निवेश के साथ सुरक्षा एवं रक्षा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है । । दरअसल भारत ने दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के साथ व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने के मकसद से 1991 में लुक ईस्ट पॉलिसी की शुरुआत की। 1992 में भारत आसियान का क्षेत्रीय सहभागी बना और 2002 में समिट लेवल पार्टनर बना।

2014 में म्यांमार में हुए 12वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 9वें पूर्वी एशिया सम्मेलन में भारत की ओर से लुक ईस्ट पॉलिसी को एक्ट ईस्ट पॉलिसी के रूप में स्थापित किया गया ताकि इसकों तेजी से अमल में लाकर व्यापक सहयोग बढाया जाए । सरकार के इन प्रयासों से आने वाले दिनों में आसियान के साथ हमारे सहयोग से सुरक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक-सांस्‍कृतिक स्‍तंभों को मजबूती मिलेगी।

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