ओबीसी को आरक्षण का सही फायदा पहुंचाने के लिए सरकार का बड़ा फैसला
ओबीसी के लोगों को आरक्षण का सही फायदा पहुंचाने के लिए सरकार का बड़ा फैसला , सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों के मुलाजिमों पर भी लागू होगा क्रीमी लेयर की सीमा का दायरा, कैबिनेट ने बड़ी और लग्ज़री कारों सेस बढाने का किया फैसला।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों पर भी अब ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर की सीमा का दायरा लागू होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में करीब ढ़ाई दशक से लंबित इस फैसले को मंजूरी दी गई। इस फैसले से खासतौर से सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में जूनियर पदों पर काम कर रहे लोगों के बच्चों को केंद्रीय सेवाओं की तरह ही ओबीसी आरक्षण का फायदा होगा।
दरअसल केंद्रीय सेवा के ग्रुप ए और बी वर्ग के अधिकारियों का पद क्रीमी लेयर के दायरे में आता है। लेकिन सार्वजनिक क्षेत्रों में इसके समकक्ष पदों की पहचान अब तक नहीं हुई थी, जिससे सीनियर पदों के अधिकारियों के बच्चों को भी इसका फायदा मिलता था। अब सार्वजनिक उपक्रमों में भी केंद्रीय सेवा के ग्रु ए और बी के समकक्ष पदों की पहचान कर ली गई है।
केंद्र के इस फैसले को भी ओबीसी आरक्षण का फायदा वंचितों तक पहुंचाने की कोशिश मानी जा रही है। इससे पहले सरकार ने क्रीमी लेयर की सीमा भी बढ़ाकर 6 लाख रुपए से 8 लाख रुपए किया था तो ओबीसी की सब कैटेगरी तय करने के लिए आयोग बनाने का फैसला बी किया गया था।
साथ ही कैबिनेट ने फैसला किया है कि बड़ी और लग्ज़री कारों पर भी पहले से ज्यादा टैक्स लगाया जाएगा। जीएसटी परिषद ने ऐसी गाड़ियों पर मौजूदा सेस की दर 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी तक करने की सिफारिश की थी। इसे लागू करने के लिए कैबिनेट ने जीएसटी मुआवजा कानून में संशोधन से संबंधित अध्यादेश को मंज़ूरी दी है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सेना की कार्य प्रणाली में सुधारों और खर्चे में कमी को लेकर सुझाव देने वाली शेतकर कमेटी की सिफारिशों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने समिति की 99 में से फिलहाल 65 सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।
रक्षा मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक सेना में आजादी के बाद से हो रहे इस सबसे बड़े सुधार के चलते 57000 अधिकारियों, जेसीओ और जवानों का जरुरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जा सकेगा।