प्रदेश मुखिया के संकल्प से नर्मदा कछार में 6 करोड़ 63 लाख से ज्यादा पौधे रोपे गये
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में आज मध्यप्रदेश में वृक्षारोपण के क्षेत्र में एक नई मिशाल कायम की। आज एक दिन में नर्मदा कछार के 24 जिलों में अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 6 करोड़ 63 लाख से ज्यादा पौधे रोपे गये। यह पौधे एक लाख 17 हजार 293 रोपण स्थलों पर रोपे गये। कुल रोपित पौधों में से वन विभाग ने 3 करोड़ 5 लाख 54 हजार 825, वन विकास निगम ने 15 लाख 4 हजार 105, ग्रामीण विकास विभाग ने एक करोड़ 70 लाख 19 हजार 724, कृषि विभाग ने 5 लाख 16 हजार 594, उद्यानिकी विभाग ने 34 लाख 79 हजार 642, जन अभियान परिषद ने 14 लाख 63 हजार 839 और अन्य सामाजिक-स्वयं सेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, शासकीय संस्थाओं, महिला मण्डल, क्लब्स और निजी व्यक्तियों आदि ने 36 लाख 47 हजार 846 पौधे रोपे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने, नदी के प्रवाह को अविरल बनाये रखने और नर्मदा कछार क्षेत्र में जैव-विविधता के संरक्षण के प्रति जन-मानस को जागरूक करने के लिये 11 दिसंबर, 2016 से 15 मई, 2017 तक नर्मदा तट के मध्यप्रदेश के 16 जिलों में नर्मदा सेवा यात्रा निकाली थी। नर्मदा नदी जो विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वतमालाओं के जंगलों में लगे वृक्षों द्वारा अवशोषित वर्षा जल को धीरे-धीरे छोड़ने से अविरल बनी रहती है। इसी को ध्यान में रखकर यात्रा के दरम्यान नर्मदा नदी के दोनों तटों पर स्थित नर्मदा कछार में बड़े पैमाने पर पौध-रोपण किया जायेगा। यात्रा में लगभग 500 से ज्यादा राजनेताओं, धर्मगुरूओं, यूएन और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों, साहित्य, कला-संस्कृति और समाज के विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों के साथ पर्यावरण और जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे विशेषज्ञों ने भागीदारी की थी। यात्रा की पूर्णता कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 15 मई को अमरकंटक में शामिल हुये थे। कार्यक्रम में राज्य शासन की नर्मदा सेवा मिशन की कार्ययोजना भी जारी की गई थी।
रोपी गई मुख्य प्रजातियाँ महा वृक्षारोपण अभियान में सागौन के लगभग 20 प्रतिशत, बाँस के 15 प्रतिशत, औषधीय पौधे यथा ऑवला, अर्जुन, बेल, नीम हर्रा, बहेड़ा आदि 20 प्रतिशत, फलदार पौधे यथा जामुन, जाम, सीताफल, नींबू, आम, अनार, शहतूत आदि 5 प्रतिशत क्षेत्र में, अन्य लघु वनोपज प्रजातियाँ जैसे महुआ, इमली, अचार, कुल्लू, कुसुम आदि 5 प्रतिशत क्षेत्र में और साजा, सिरस, सुरजना, कटहल, पीपल, बरगद, कदम्ब आदि प्रजातियाँ 35 प्रतिशत क्षेत्र में रोपी गई।
महा वृक्षारोपण अभियान मुख्यत: मध्यप्रदेश के हिस्से के नर्मदा कछार के 24 जिलों में हुआ। इनमें डिंडौरी, मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खण्डवा, खरगोन, धार, बड़वानी,अलीराजपुर, अनूपपुर, बालाघाट, कटनी, दमोह, सागर, सिवनी, छिन्दवाड़ा, बैतूल, इन्दौर और बुरहानपुर जिला शामिल है। वृक्षारोपण का यह महती कार्य वन क्षेत्रों में, स्कूल, कॉलेज, शासकीय कार्यालयों के प्रांगण, अन्य सामुदायिक भूमियों और निजी भूमियों पर हुआ।
वृक्षारोपण में भाग लेने हेतु ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई थी। रजिस्टर्ड संस्थाओं और लोगों के अलावा अन्य संस्थाओं और लोगों ने भी वृक्षारोपण में बढ़-चढ़कर भागीदारी की।
जिलेवार वृक्षारोपण
क्र |
जिला |
रोपे गये पौधे (लाख में) |
1. |
सागर |
2.21 |
2. |
दमोह |
2.00 |
3. |
देवास |
45.29 |
4. |
धार |
38.81 |
5. |
इंदौर |
15.60 |
6. |
खरगोन |
50.45 |
7. |
खण्डवा |
41.33 |
8. |
सीहोर |
17.68 |
9. |
रायसेन |
29.19 |
10. |
बैतूल |
33.49 |
11. |
होशंगाबाद |
62.07 |
12. |
जबलपुर |
18.81 |
13. |
नरसिंहपुर |
50.42 |
14. |
मण्डला |
46.91 |
15. |
छिन्दवाड़ा |
16.68 |
16. |
सिवनी |
32.70 |
17. |
बालाघाट |
5.00 |
18. |
बड़वानी |
26.07 |
19. |
हरदा |
44.70 |
20. |
कटनी |
6.98 |
21. |
डिण्डोरी |
33.07 |
22. |
अनूपपुर |
11.70 |
23. |
बुरहानपुर |
1.00 |
24. |
अलीराजपुर |
33.89 |
योग |
6.63 करोड़ |