जन अभियान परिषद ने शंकराचार्य जयंती पर आयोजित की संगोष्ठी
जन अभियान परिषद ने शंकराचार्य जयंती पर आयोजित की संगोष्ठी
आदिगुरू शंकराचार्य महान दार्शनिक और अद्वैतवाद के प्रवर्तक थे – स्वामी जयप्रकाश
रीवा 02 मई 2025. मऊगंज जिले के नईगढ़ी में जन अभियान परिषद द्वारा आदिगुरू शंकराचार्य की जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता स्वामी जयप्रकाश ने संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य महान दार्शनिक और अद्वैतवाद के प्रवर्तक थे। उन्होंने 32 वर्ष के छोटे से जीवनकाल में सनातन हिन्दू धर्म का पुनरूद्धार किया। शंकराचार्य जी का जन्म आठवीं शताब्दी में केरल में कालड़ी गांव में नम्बूदरी ब्रााहमण परिवार में हुआ था। उन्होंने कम उम्र में ही सन्यास धारण कर वेदों का गहन अध्ययन कर लिया। उन्हें भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है। शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत के सिद्धांत को स्थापित कर सनातन धर्म को नई दिशा दी। समाज की कई धार्मिक विडंबनाओं और भ्रांतियों को दूर करके उन्होंने नवचेतना का संचार किया। अपने छोटे से जीवनकाल में शंकराचार्य ने हिन्दू धर्म को संगठित और सुदृढ़ किया।
संगोष्ठी में जन अभियान परिषद के संभागीय समन्वयक प्रवीण पाठक ने कहा कि जन अभियान परिषद प्रदेश के सभी विकासखण्डों में मई माह में आदिगुरू शंकराचार्य जी की जयंती पखवाड़ा मना रही है। इसके तहत आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से शंकराचार्य जी के जीवन दर्शन और आध्यात्मिक चेतना से आमजनों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। रीवा और मऊगंज जिलों के सभी विकासखण्डों में शंकराचार्य जी से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। संगोष्ठी में ग्राम पंचायत अकौरी के सरपंच अच्छेलाल कोल, उद्यान विस्तार अधिकारी राजपति वर्मा, परदेशीलाल अकेला, समाजसेवी विक्रांत द्विवेदी, विकासखण्ड समन्वयक अनीता मिश्रा, नवांकुर संस्थाओं के प्रमुख, प्रस्फुटन समितियों के पदाधिकारी, विद्यार्थी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा आमजन उपस्ति रहे।