पूर्ण गौशालाओं में निराश्रित गौवंश को आश्रय दें – डॉ सोनवड़े

पूर्ण गौशालाओं में निराश्रित गौवंश को आश्रय दें – डॉ सोनवड़े
एसडीएम गौशालाओं के संचालन की निगरानी रखें – डॉ सोनवड़े

रीवा 31 जुलाई 2024. कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गौपालन एवं पशु संवर्धन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवड़े ने कहा कि निराश्रित तथा खुले में घूम रहे पशु दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। किसानों के लिए भी निराश्रित गौवंश बड़ी समस्या हैं। इसे दूर करने के लिए पशुपालन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय निकाय मिलकर प्रयास करें। आमजनता का भी इसमें सहयोग लें। शासन के निर्देशों के अनुसार हाईवे के किनारे उपयुक्त स्थल मिलने पर गौवंश को रखने की व्यवस्था बनाएं। इसमें रखे जाने वाले गौवंश के लिए भूसे-चारे की व्यवस्था गौ संवर्धन बोर्ड से की जाएगी। निर्माणाधीन गौशालाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। पूर्ण गौशालाओं में गौवंश को रखने की व्यवस्था तत्काल करें।
बैठक में डॉ सोनवड़े ने कहा कि पशुपालन विभाग के अधिकारी अन्य विभागों से समन्वय बनाकर निराश्रित गौवंश को व्यवस्थित कराएं। सभी एसडीएम गौशालाओं के संचालन की नियमित निगरानी करें। एसडीएम साप्ताहिक टीएल बैठक में गौशालाओं के संचालन के निरीक्षण तथा संचालन के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। विकासखण्ड स्तर पर आयोजित साप्ताहिक जन सुनवाई में एसडीएम गौशालाओं में बिजली कनेक्शन, पानी तथा चारा-भूसा की उपलब्धता की समीक्षा करें। उप संचालक पशुपालन सभी गौशालाओं का तत्काल पंजीयन कराएं जिससे इसमें रखे गए गौवंश के लिए चारा-भूसा एवं अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सके। हम सबके समन्वित प्रयास और जन सहयोग से ही निराश्रित गौवंश को व्यवस्थित करने में सफलता मिलेगी।
बैठक में उप संचालक पशुपालन डॉ राजेश मिश्रा ने बताया कि जिले में 126 गौशालाओं का निर्माण स्वीकृत है। इनमें से 70 गौशालाओं का निर्माण पूरा किया जा चुका है। इनमें गौवंश को रखने की व्यवस्था की जा रही है। जिले में 35 गौशालाओं का पंजीयन किया जा चुका है तथा 24 के पंजीयन की कार्यवाही की जा रही है। निराश्रित, बीमार तथा दुर्घटना के शिकार गौवंश को गौशाला एवं अस्पताल पहुंचाने के लिए दो वाहनों के क्रय की कार्यवाही की जा रही है। शासन द्वारा वर्ष 2024-25 को गौ रक्षा वर्ष के रूप में मनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके परिपालन में वर्ष भर कार्यक्रमों के आयोजन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। जिले की 105 गौशालाओं में पाँच एकड़ चरनोई की भूमि उपलब्ध है। इसकी फेंसिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में गौशालाओं के संचालन, चरनोई भूमि से अतिक्रमण हटाने, मनरेगा से गौ सेवक तैनात करने के संबंध में भी निर्णय लिया गया। बैठक में एसडीएम मनगवां पीएस त्रिपाठी, एसडीएम गुढ़ डॉ अनुराग तिवारी, परियोजना अधिकारी मनरेगा शिव कुमार सोनी, जनपद के सीईओ, पशु चिकित्सा अधिकारी तथा समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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