गुरूओं के आचरण से जो सीखा वह आज भी काम आ रहा है – उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल

मॉडल स्कूल में शिक्षा के साथ संस्कार का भी पाठ पढ़ाया जाता है – उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल
गुरूओं के आचरण से जो सीखा वह आज भी काम आ रहा है – उप मुख्यमंत्री
रीवा के बदलाव में मॉडल स्कूल और इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों का भी योगदान है – उप मुख्यमंत्री
मॉडल स्कूल के स्वर्ण जयंती वर्ष का समापन समारोह एवं पुरा छात्र सम्मेलन संपन्न

रीवा 15 जून 2024. माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा रीवा में संचालित आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष के समापन समारोह एवं पुरा छात्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए विद्यालय के पुरा छात्र एवं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मॉडल स्कूल में शिक्षा के साथ संस्कार का भी पाठ पढ़ाया जाता है। संस्कार के बिना शिक्षा अधूरी है। संस्कारयुक्त शिक्षा से संवेदनशीलता आती है जो जरूरतमंदों के जीवन में बदलाव लाने का भी कार्य करती है। उन्होंने कहा कि स्कूल की शिक्षा जीवन भर काम आती है। गुरूओं के आचरण से जो सीखा वह आज भी काम आ रहा है।

मॉडल स्कूल के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि रीवा के बदलाव में मॉडल स्कूल व इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से योगदान है। इन संस्थानों के छात्र देश व प्रदेश में जहाँ भी हैं उन्होंने रीवा के विकास में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि विन्ध्य क्षेत्र व रीवा विकास की नई उड़ान भरने को तैयार है। सिंचाई सुविधाओं के विकास से यहाँ के लोगों में उन्नति आई है। आगामी पाँच वर्षों में जिले में नौ लाख एकड़ में सिंचाई की सुविधा मिलने लगेगी और रीवा उन्नति के उच्चतम शिखर पर स्थापित होगा। श्री शुक्ल ने कहा कि बेरोजगारी को दूर करने के लिए उत्पादन व सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, उद्योगों की स्थापना, अधोसंरचना का विकास व ग्रोथ रेट बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में अधोसंरचना विकास आवश्यक है। हमें ऐसा रीवा बनाना है जहाँ उद्यमियों में निवेश करने की होड़ लग जाए।

उप मुख्यमंत्री ने मॉडल स्कूल के पुरा छात्रों से कहा कि वह अपने कत्र्तव्य स्थल में कार्य करते हुए रीवा के विकास के बारे में सोचें तथा रीवा के बदलाव की भी चर्चा करें जिससे लोगों को रीवा के बदलते हुए स्वरूप की ओर आकर्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन स्कूल के संबंधों को प्रगाढ़ करने का माध्यम होते हैं। पुरा छात्रों का इस कार्यक्रम में आना अपने विद्यालय के प्रति प्रेम को दर्शाता है। श्री शुक्ल ने मॉडल स्कूल की प्रतिष्ठा का श्रेय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य स्वर्गीय श्री गुरू प्रसाद श्रीवास्तव एवं अन्य वरिष्ठ गुरूजनों को दिया। उन्होंने विद्यालय में बनाई गई स्मार्ट कक्षाओं का लोकार्पण किया तथा आश्वस्त किया कि विद्यालय के विकास के लिए हर संभव मदद के प्रयास किए जाएंगे।

कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए सांसद श्री जनार्दन मिश्र ने कहा कि जिले में मॉडल स्कूल का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता रहा है। पुरा छात्रों के सम्मेलन में विद्यालय की प्रतिष्ठा का साक्षात्कार हुआ। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन पूर्व की स्मृतियों को तरोताजा कर देते हैं। छात्र को अपने शिक्षकों के योगदान को हमेशा याद रखना चाहिए। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों को एकता के साथ अपने संस्थान को उन्नति के शिखर तक ले जाने में सहभागी बनने की अपेक्षा की। श्री मिश्र ने मॉडल स्कूल में पुरा छात्रों द्वारा वर्तमान में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के साथ संवाद के क्रम की सराहना की तथा अपेक्षा की कि गांव के पिछड़े व गरीब बच्चों को शिक्षा दान देने के लिए बच्चों को प्रेरित किया जाएगा।

मॉडल स्कूल के पुरा छात्र एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्री दीपक खांडेकर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में रीवा के बदले हुए स्वरूप की चर्चा की तथा पुरानी स्मृतियों को याद किया। उन्होंने कहा कि मैं अपने जीवन में जो कुछ बन पाया वह मॉडल स्कूल के गुरूजनों द्वारा दिए गए शिक्षा एवं संस्कार से ही संभव हुआ। उन्होंने कहा कि मैं विद्यालय के अपने गुरूजनों एवं उनके परिजनों का हमेशा ऋणी रहूंगा। कार्यक्रम को श्री रंगनाथ मिश्रा एवं श्री राजीव सिंह बघेल ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व स्वागत उद्बोधन में एलुमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष, पुरा छात्र एवं प्राचार्य पंकज शर्मा ने बताया कि मॉडल स्कूल की स्थापना एक जुलाई 1974 को की गई थी। विद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के विषय में जानकारी दी तथा विद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ने विद्यालय की स्मारिका सृजन पत्रिका का विमोचन किया। उन्होंने सूचना एवं प्रकाशन विभाग के पूर्व अधिकारी श्री जेपी कौशल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए पुरा छात्र एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री जयराम शुक्ला ने विद्यालय की विरासत एवं उसके जीवन यात्रा की चर्चा की तथा विद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं पुरा छात्रों की विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के बारे में बताया। कार्यक्रम में अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेट किए गए। इस अवसर पर पीपी मिश्रा, अखिलेश सिंह, डॉ अनिल श्रीवास्तव, जैनेन्द्र तिवारी सहित पुरा छात्र एवं विद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन भास्कर भट्टाचार्य ने किया।

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