सौर ऊर्जा पर सब्सिडी सबके लिए है
सौर ऊर्जा सब्सिडी सबके लिए है।
भारत सरकार ने सौर ऊर्जा के साथ अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों में बहुत अच्छा काम किया है। देश के भविष्य को मजबूत करने के लिए आवश्यक है कि हम ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर रहे। विकसित भारत बनाने के लिए आवश्यक है कि भारत में ऊर्जा खपत की मात्रा देश अपने ही संसाधन से अधिक से अधिक पूरा करे। ऊर्जा के क्षेत्र में अन्य देशों के ऊपर हमारी कम से कम निर्भरता विकसित भारत के द्वार खोलने जैसा मार्ग है।
ऊर्जा विकास की धुरी है जो देश खनिज तेलों के सबसे बड़े उत्पादक और सप्लायर हैंं वह हमारे देश को अस्थिर करने का भी कार्य काफी समय से करते चले आ रहे हैं। देश की मजबूती के लिए आवश्यक है कि देश अपनी ऊर्जा जरूरत को स्वयं पूर्ण करने में सक्षम रहे। इस दिशा में भारत सरकार बहुत अच्छा कार्य कर रही है और इसी कड़ी में कार्य है पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना।
जीवाश्म ईंधन जिसे हम पेट्रोल – डीजल के रूप में जानते हैं हमारे वर्तमान आधुनिक युग के प्रगति के सबसे बड़े पहिए हैं। इसके सबसे अधिक उत्पादन और व्यापार करने वाले सऊदी अरब जैसे देश इसी के दम पर अमीर देश बने हैं। ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के संसाधनों का होना आज अविकसित, विकासशील और विकसित का पैमाना है । सऊदी जैसे देशों की समृद्धि पर मुसलमान को बड़ा गुमान रहता है। इसकी समृद्धि की बड़ी प्रशंसा करता है जबकि इसकी समृद्धि केवल तेल पर है और वह भी जो विदेशियों के दम पर खोजी गई। लेकिन मुझे बचपन के किस्से याद हैंं कि जब अपने आसपास के मुसलमान से साउदी की समृद्धि की तारीफ सुनते सुनते कान पक जाते थे। आम भारतीय मुसलमान सऊदी की ऐसी तारीफ करता है जैसे उसको सऊदी से कुछ मिल जाता है और कुछ मुसलमान इस प्रयास में भी रहते थे कि सऊदी जैसे अरब देशों में नौकरी करने का मौका मिल जाए वह आज भी है।
1933 में बनी सऊदी की आरामको कंपनी विश्व की सबसे बड़ी तेल कंपनी है और वह प्रति घंटे 100 करोड़ का मुनाफा कमा रही है। इस मुनाफे में ईंधन का उपयोग करने वाले भारत जैसे देशों का ही योगदान है। अब अगर भारत अपनी ईंधन आवश्यकता सौर ऊर्जा जैसे माध्यम से पूरा कर ले तो सोचो सऊदी जैसे देशों का क्या होगा यह फिर ऊंट की सवारी के युग में पहुंच जाएंगे और जो देश का मुसलमान सऊदी की समृद्धि का गुमान करता है उसको भी पता चलेगा कि सऊदी जैसे देशों की चमक दमक भारत जैसे देशों की कृपा उपयोग पर ही निर्भर है। मैं किसी देश की समृद्धि का विरोधी नहीं हूं लेकिन अपने देश के समृद्धि का समर्थक जरुर हूँ। इसलिए यह जरूरी है कि सौर ऊर्जा की सब्सिडी का सब लोग उपयोग करें और ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा से अपनी ऊर्जा जरूरत को पूरा करें।
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू “
29 फरवरी 2024
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