ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त रखने नियमित मॉनिटरिंग हो – प्रमुख सचिव
रीवा 20 अप्रैल 2023. प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री संजय कुमार शुक्ल ने कहा है कि ग्रीष्मकाल में ग्रामीण पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए समस्त ज़िलों के विभागीय अधिकारी नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि पेयजल स्त्रोतों में जैविक प्रदूषण को रोकने क्लोरिनेशन के लिए आवश्यक केमिकल्स की सतत उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। प्रमुख सचिव के निर्देशानुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत प्रति सप्ताह जिले की सभी ग्राम पंचायतों में पेयजल प्रदाय की विस्तृत समीक्षा करेंगें। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) विकासखण्ड स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा करेंगें। साथ ही समीक्षा बैठकों में जन-प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
समस्यामूलक ग्राम-बसाहटों का चिन्हांकन कर निराकरण की कार्ययोजना बना कर करें कारवाई
प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने निर्देश दिये हैं कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का अमला लगातार ग्रामीण क्षेत्र का भ्रमण करे। विगत वर्षों के अनुभव के आधार पर ग्रामों-बसाहटों में पेयजल समस्या का आंकलन किया जाए। स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ चिन्हांकित ग्रामों-बसाहटों में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए ग्राम और बसाहटवार कार्य-योजना तैयार कर कारवाई सुनिश्चित की जाए। प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में हैण्डपंपों के संचालन की नियमित समीक्षा की जाए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री सुनिश्चित करें कि बंद हैण्डपंपों का सुधार कार्य 24 घंटे में पूरा किया जाए। विगत वर्षों में जिन हैण्डपंपों के नलकूप का जल स्तर नीचे चले जाने से उन नलकूप पर सिंगल फेस विद्युत मोटरपंप स्थापित कर पेयजल व्यवस्था सुचारू की गई थी। उन सिंगल फेज विद्युत मोटरपंपों की जाँच करायें। आवश्यकतानुसार सुधार कार्य कराकर नियमित समीक्षा की जाए। प्रमुख सचिव ने कहा कि सी.एम हेल्पलाइन में हैण्डपंपों के संधारण कार्य तथा नल जल प्रदाय योजनाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण की नियमित समीक्षा की जाए।
प्रमुख सचिव ने कहा कि जिलों की सभी नल जल प्रदाय योजनाएँ चालू रहें। कोई भी नल-जल योजना विद्युत समस्या या विद्युत कनेक्शन के विच्छेद होने से बंद न रहें। जल जीवन मिशन में प्रगतिरत जिन योजनाओं में जल स्त्रोत तथा पाइप लाइन के कार्य पूर्ण हो गए हैं, उन योजनाओं में सीधे पंपिंग कर पेयजल की आपूर्ति प्रारंभ कराई जाए। प्रदेश में 26 समूह योजनाओं के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जिनसे जल प्रदाय चालू है। 20 योजनाएँ पूर्णता की ओर हैं और 69 योजना के कार्य विभिन्न चरणों में प्रगतिरत हैं। कलेक्टर, समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में अनुमति की आवश्यकता पर संबंधित विभागों से समन्वय कर शीघ्र अनुमति दिलाने की कार्यवाही करें। प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने सभी कलेक्टर को निर्देश दिये कि समूह जल प्रदाय योजनाओं से पेयजल आपूर्ति की समीक्षा साप्ताहिक समय-सीमा की बैठकों में अनिवार्य रूप से की जाए। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये हैं कि ग्रीष्मकाल में जिन ग्रामों में पेयजल व्यवस्था के लिए पेयजल परिवहन ही अंतिम विकल्प रह जाता है, ऐसे ग्रामों में पेयजल व्यवस्था के लिए जल की गुणवत्ता का परीक्षण कर जल-स्त्रोतों का चिन्हांकन कर लिया जाए। शासकीय जल स्त्रोत उपलब्ध न होने की स्थिति में निजी जल स्त्रोतों के अधिग्रहण की कार्यवाही की जाए। साथ ही ग्राम पंचायतों में उपलब्ध पानी के टेंकर अच्छी स्थिति में रखे जाएँ।