एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कार्यशाला संपन्न
रीवा 07 मार्च 2023. एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत एचआईब्ही एड्स एक्ट 2017 की एक दिवसीय कार्यशाला क्षमता निर्माण हेतु आयोजित की गई।
जिला एड्स निवारण एवं नियंत्रण इकाई के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग शर्मा एवं ज्ञानेन्द्र गुप्ता जिला आईसीटीसी सुपरवाइजर ने एचआईब्ही/एड्स एक्ट 2017 की जानकारी देते हुये बताया कि यह अधिनियम एचआईवी.एड्स के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। इसका मुख्य उद्देश्य एचआईवी संक्रमित महिला पुरुष बच्चों ट्रांसजेंडर व पीएलएचआईवी के साथ जी रहे लोगों के साथ उनके परिवार को समाज व विभिन्न विभागों में चल रही शासन की योजनाओं की जानकारी व लाभ प्रदान कराना एवं एचआईवी एड्स पीड़ित व्यक्तियों बच्चों एवं उनके परिवारों को सामाजिक कलंक व भेदभाव से दूर कराने हेतु जागरूकता फैलाना है। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति और एचआईवी से प्रभावित व्यक्तियों के मानव अधिकारों की सुरक्षा एवं रक्षा हेतु, एचआईवी.एड्स के साथ जी रहे व्यक्तियों की प्रभावी देखभाल सहायता और उचित देखभाल उपलब्ध कराने हेतु, स्वास्थ सेवा प्रदाताओ और अन्य व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा हेतु, एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति और एचआईवी से प्रभावित व्यक्तियों के साथ भेद भाव और कलंक की स्थिति निर्मित न हो इसलिये एचआईव्ही एड्स विधेयक बनाया गया। अधिनियम का उद्देश्य लोगों के व्यवहार में सुधार लाना है, न कि लोगों को दंडित करना। एक्ट का उद्देश्य लोगों के व्यवहार में परिवर्तन एवं एच.आई.व्ही. के साथ जी रहे लोगों के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण की दिशा में एक क्रमिक बदलाव लाना है। एचआईवी/एड्स से संबंधित घृणा, भेदभाव या शारीरिक हिंसा की भावनाओं के प्रचार को प्रतिबंधित करने के लिए, एचआईवी/एड्स से संबंधित भेदभाव के लिए दंड का प्रावधान है। डॉ. शर्मा ने बताया कि एचआईब्ही एड्स संक्रमिक ब्यक्ति के साथ अच्छा ब्यवहार करें यदि किसी भी कार्यालय, सार्वजनिक स्थान, स्कूल, कालेज, में भेदभाव किया जाता हैं कि शिकायत प्राप्त होने पर इस एक्ट में दण्ड का प्रावधान भी किया गया है।