देवतालाब शिव मंदिर में आध्यात्मिक वातावरण में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन
रीवा 17 फरवरी 2023. विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम के प्रयासों से रीवा जिले के आध्यात्मिक आस्था के केन्द्र देवतालाब शिव मंदिर में पहली बार संस्कृत विभाग के संयोजन में प्रसिद्ध कलाकारों के दल द्वारा आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि जिले की आस्था का प्रमुख केंद्र शिव मंदिर देवतालाब प्रदेश के 9वें ऐतिहासिक शिव मंदिरों में शामिल हो गया है। अब देवतालाब में कार्यक्रमों का आयोजन शासन के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किया जायेगा। महाकाल की तर्ज पर महाशिवरात्रि के अवसर देवतालाब में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुंबई के कलाकारों द्वारा भजन संध्या व शिव तांडव नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी। इस संबंध में संचालक संस्कृति विभाग भोपाल द्वारा कलेक्टर रीवा को आयोजन संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं। पूरा कार्यक्रम शासन द्वारा आयोजित किया जायेगा। बताया गया है कि महाशिवरात्रि पर्व पर मध्यप्रदेश में अभी तक 8 मंदिरों में शासन द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था। अब देवतालाब शिवमंदिर शामिल हो जाने से 9 मंदिर हो गए हैं जिसमें शासन द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
25 कलाकारों का आयेगा दल:-
महाशिवरात्रि पर कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने मुंबई से 25 कलाकारों का दल आयेगा। जिनके द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘महादेव’ की नाट्य प्रस्तुति दी जायेगी। 15 सदस्यों द्वारा शिव तांडव नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी तो 9 कलाकारों द्वारा भजन संध्या कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा। सुश्री संघरत्ना वनकर व अन्य द्वारा तांडव नृत्य की प्रस्तुति व इशिता शर्मा की टीम द्वारा भक्ति संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि देवतालाब को प्रदेश के ऐतिहासिक शिव मंदिरों में शामिल करने और शासन द्वारा कार्यक्रमों की व्यवस्था के लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग को पत्र लिखा गया था जिस पर शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने लिखा था कि ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर अत्यंत प्राचीन व देव शिल्पी भगवान विश्कर्मा द्वारा निर्मित है। चारों धाम यात्रा तभी पूरी होती है जब देवतालाब स्थित शिवमंदिर में जल चढ़ाया जाता है। शिवरात्रि में म.प्र. के साथ यूपी के लोग भी आते हैं। इसलिए देवतालाब को भी शामिल किया जाय।