किसान की जरूरत के अनुसार मिलेगी पर्याप्त खाद – कृषि उत्पादन आयुक्त
कृषि, उद्यानिकी तथा मछली पालन से दें युवाओं को रोजगार का अवसर – एपीसी
रीवा 13 अक्टूबर 2021. प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से रीवा तथा शहडोल संभाग के कृषि आदान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि रीवा तथा शहडोल संभागों में पिछले कुछ वर्षों में उद्यानिकी फसलों में शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। सिंचाई की सुविधा बढ़ने से धान तथा गेंहू के क्षेत्राच्छादन एवं उत्पादन में वृद्धि हो रही है। किसानों को गेंहू तथा धान के स्थान पर सरसों, चना, मूंग, उड़द, अलसी तथा अन्य लाभकारी फसल लेने के लिये प्रेरित करें। कमिश्नर तथा कलेक्टर कृषि तथा इससे जुड़े विभागों की गतिविधियों की हर सप्ताह समीक्षा करें। कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी, मछलीपालन तथा इससे जुड़ी अन्य गतिविधियां युवाओं को रोजगार देने के तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में कारगर सिद्ध होंगी। प्रधानमंत्री जी की आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत एग्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर मद में केन्द्र सरकार कृषि क्षेत्र में दो करोड़ रूपये तक के ऋण में गारंटी दे रही है। इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करके सक्षम युवाओं को इससे लाभान्वित करें।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि किसानों को उनकी मांग के अनुसार खाद की आपूर्ति करें। किसी भी जिले में खाद की कमी नहीं है। खाद के वितरण की कलेक्टर प्रतिदिन निगरानी करें। किसानों को डीएपी के स्थान पर एनपीके तथा एसएसपी खाद के अधिक उपयोग के लिये प्रेरित करें। इसके लिये व्यापक जागरूकता अभियान चलायें। यूरिया की बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से करें। जिससे खाद की उपलब्ध भौतिक मात्रा एवं पीओएस मशीन के रिपोर्ट में कोई अन्तर न रहे। किसानों को इस बात के लिये आश्वस्त करें कि खाद की कमी नहीं होगी।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि रीवा तथा शहडोल संभाग में डेयरी के विकास की अपार संभावनाएं हैं। संभाग के सभी पशुओं की टैगिंग तथा टीकाकरण कराकर ऑनलाइन शत-प्रतिशत जानकारी दर्ज करें। दुधारू पशुओं के नस्ल सुधार, मिल्क रूट एवं दुग्ध सहकारी समिति बनाने पर विशेष ध्यान देकर दूध का संकलन एवं वितरण बढ़ायें। दुधारू पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान में सार्टेड सीमेन के उपयोग को बढ़ावा दें। जिससे केवल मादा शिशुओं का जन्म होता है। दुग्ध संघ सहकारी समितियां गठित कर दूध संकलन को बढ़ावा दें। पशुपालन विभाग कार्यशाला आयोजित कर किसानों को दुधारू पशुओं, मुर्गी पालन तथा बकरी पालन के लिये जागरूक करें। पशु कल्याण समितियों की नियमित बैठक आयोजित करें। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत प्रत्येक पंचायत में मैत्री का चयन कर इसे उचित प्रशिक्षण दें। इसके द्वारा दुधारू पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान कराया जायेगा।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि एक जिला एक फसल योजना के तहत रीवा तथा शहडोल संभाग के सभी जिलों के लिये फसलें निर्धारित कर दी गई हैं। इन फसलों के क्षेत्र विस्तार के लिये प्रयास करें। उद्यानिकी फसलों, मसालों तथा फूलों की खेती से किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। रीवा जिले में इस योजना से सर्वाधिक छ: प्रकरण मंजूर हुए हैं। इनमें स्थापित इकाईयों का एक नवम्बर को समारोह पूर्वक शुभारंभ करायें।
बैठक में सभी बारहमासी तथा छ:मासी तालाबों में मछलीपालन कराने, निजी क्षेत्र में मछलीपालन को प्रोत्साहित करने एवं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लक्ष्य के अनुसार 30 नवम्बर तक शत-प्रतिशत प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिये गये। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त ने संभाग के सभी सहकारी बैंकों की कमजोर आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए इसमें सुधार के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिये पंजीयन कराने वाले सभी ऋणी किसानों की जानकारी ऑनलाइन दर्ज करायें। सहकारी बैंक प्रबंधक लंबित ऋणों की वसूली के लिये अभियान चलायें। कृषि उत्पादन आयुक्त ने मछली पालक तथा दुग्ध उत्पादक किसानों को केसीसी कार्ड देने के निर्देश दिये।
बैठक में सरसों की खेती के विस्तार, खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने, धान उपार्जन के लिये व्यवस्था तथा कृषि यंत्रीकरण पर चर्चा की गई। बैठक में भाग लेते हुए रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने कहा कि बैठक में दिये गये निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जायेगा। संभाग में कृषि तथा उद्यानिकी के विकास के विशेष प्रयास किये जायेंगे। कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र से कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी,उप संचालक कृषि यूपी बागरी, उप संचालक पशुपालन डॉ. राजेश मिश्रा, सहायक संचालक मछली पालन लालजी सिंह, महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक ज्ञानेन्द्र पाण्डेय, प्रभारी संयुक्त आयुक्त सतीश निगम तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।