कलेक्टर ने गूगल मीट की फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की समीक्षा
अभियान में दवा वितरण के स्थान पर दवा खिलाने को प्राथमिकता दें – कलेक्टर
रीवा 30 जनवरी 2023. जिले के पांच विकासखण्डों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान के तहत 2 साल से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को फाइलेरिया नियंत्रण के लिए तीन दवाएं खिलाई जायेगी। दवा 10 एवं 11 फरवरी को बूथ स्तर पर खिलाई जायेगी। जो व्यक्ति दवा खाने से वंचित रह जायेंगे। उन्हें 13 फरवरी से 17 फरवरी तक घर-घर जाकर दवा खिलाई जायेगी। दवा खिलाने का फलोअप 22 फरवरी तक लिया जायेगा। कलेक्टर मनोज पुष्प ने गूगल मीट के माध्यम से अभियान के तैयारियों की समीक्षा की। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि फाइलेरिया नियंत्रण का लक्ष्य गतवर्ष पूरा न होने का मुख्य कारण लोगों द्वारा दवा का सेवन न करना था। दवा का वितरण लगभग 90 प्रतिशत हो गया था लेकिन सभी लोगों ने दवा नहीं खाई जिसके कारण अभियान को पूरी सफलता नहीं मिली। फाइलेरिया नियंत्रण अभियान में दवा वितरण के स्थान पर दवा खिलाने को प्राथमिकता दें।
कलेक्टर ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 3 दवाएं एल्बेंडाजोल, डीईसी तथा एक अन्य गोली दी जा रही है यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इन दवाओं को खाली पेट नहीं लेना है। इस लिए सभी व्यक्तियों को भोजन अथवा नाश्ता करके ही दवा लेने के संबंध में जागरूक करें। फाइलेरिया का कीटाणु शरीर में प्रवेश करने के बाद 20 वर्षों बाद तक असर दिखाता है। इस लिए बुखार या अन्य लक्षण न होने पर भी सभी को फाइलेरिया की दवा अवश्य लेनी है। इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करायें। अभियान में दवा खिलाने के लिए तैनात करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण के दौरान दवा बांटने के स्थान पर दवा खिलाने के लिए प्रेरित करें। जिस तरह सबके सहयोग और प्रयासों से पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाया गया उसी तरह यह अभियान भी सफल होगा।
बैठक में प्रशिक्षण देते हुए बताया गया कि रीवा जिले में 5 विकासखण्डों में 1317 गांव में लगभग 13 लाख व्यक्तियों को फाइलेरिया अभियान में दवाएं खिलाई जायेंगी। इसके लिए 4715 कार्यकर्ता तथा 472 सुपरवाइजर तैनात किये गये हैं। 196 उप स्वास्थ्य केन्द्र में भी अभियान के दौरान दवा खिलाई जायेगी। दवा खिलाने के लिए हर बूथ पर दो प्रशिक्षित कर्मचारी तैनात रहेंगे। अभियान में 250 से 400 व्यक्तियों को दवा खिलाने के लिए एक दल तैनात रहेगा। अभियान में 2 साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा गंभीर रोग से पीड़ितों को दवा नहीं खिलाई जायेगी। गूगल मीट के माध्यम से आयोजित बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, एसडीएम, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, बीएमओ, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए।