जी-20 समूह देशों के प्रतिनिधि-मंडल के प्रस्तावित भ्रमण के संबंध में हुई बैठक
जी-20 समूह देशों के प्रतिनिधि-मंडल के पन्ना जिले में प्रस्तावित भ्रमण के दौरान सभी जरूरी व्यवस्थाएँ दुरूस्त रहे और डेलीगेट्स का मध्यप्रदेश का आवभगत सहित संस्कृति की अच्छी छवि लेकर जाना ही भ्रमण की सार्थकता है। यह बात सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने रविवार को पन्ना जिले के मड़ला स्थित कर्णावती व्याख्यान केन्द्र के सभागार में जी-20 देश के प्रतिनिधि-मंडल के पन्ना प्रस्तावित भ्रमण की तैयारियों की समीक्षा करते हुई कही।
मंत्री सखलेचा ने कहा कि डेलीगेशन को शहर के मंदिरों के इतिहास के बारे में अवगत कराने के साथ अध्यात्म पक्ष से भी अवगत कराना आवश्यक है। इसलिए वैज्ञानिक और धार्मिक तर्क के आधार पर शहर के मंदिरों के बारे में विश्लेषणात्मक व्याख्या के लिए भी प्रयास किया जाए। श्री सखलेचा ने कहा कि वॉलेंटियर की तैनाती और अतिरिक्त सेवाओं की उपलब्धता का चिन्हांकन भी शीघ्र किया जाये। उन्होंने कहा कि भ्रमण के दृष्टिगत चिकित्सकों और स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इस दौरान बुन्देलखण्ड की कला-संस्कृति की झलक देखने का अवसर भी मिलना चाहिए। एक जिला-एक उत्पाद में आँवला सहित अन्य स्थानीय उत्पादों की जानकारी और विवरण के लिए क्यू आर कोड प्रणाली विकसित करें। उन्होंने सभी मंदिर और शासकीय भवनों सहित नागरिकों को भी निर्धारित पीले कलर कोड में मकानों की रंगाई-पुताई के लिए प्रेरित करने की बात कही। साथ ही बेहतर पार्किंग व्यवस्था, मंदिर में पाथ-वे निर्माण, मंदिरों का समुचित प्रचार-प्रसार और पन्ना टाइगर रिजर्व सहित जिले के पुरातात्विक व ऐतिहासिक महत्व के स्थानों के बारे में जानकारी से अवगत कराने के लिए बहुभाषी गाइड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि प्रतिनिधि-मंडल के आगमन पर सभी संबंधित ईमानदारी के साथ अपनी भूमिका का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम के भाव के साथ जी-20 के ध्येय वाक्य एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य को सार्थक करें।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि आमजन की सहभागिता के साथ पन्ना का देश प्रदेश एवं विश्व में मान-सम्मान बढ़ाने का यह बेहतर अवसर है। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों के आगमन के पहले भ्रमण से संबंधित गतिविधियाँ संचालित कर बेहतर वातावरण बनाएं। प्लास्टिक और प्लास्टिक सामग्री के उपयोग को हतोत्साहित किया जाए। ऐसा प्रयास करें कि बुन्देलखण्ड की कला और संस्कृति का परचम देश-विदेश में फहरे। नगरीय निकायों द्वारा स्वच्छता के साथ ही सौन्दर्यीकरण का कार्य भी किया जाए। लोगों से सुझाव भी आमंत्रित करें।