शासकीय भूमि की प्रत्येक आबादी का ड्रोन सर्वे करें – कलेक्टर
रीवा 28 अक्टूबर 2022. कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित बैठक में ड्रोन से आबादी भूमि के सर्वे एवं मुख्यमंत्री भू स्वामित्व योजना के संबंध में की जा रही कार्यवाही की समीक्षा की गई। बैठक में रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने कहा कि सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित कार्य योजना के अनुसार ड्रोन सर्वे कराएं। प्रतिदिन कम से कम पांच गांवों का सर्वे अनिवार्य रूप से कराएं। एसडीएम संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर सर्वे की तैयारियों की समीक्षा करें। पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों को ड्रोन सर्वे के संबंध में सही प्रशिक्षण दें। पटवारी सर्वे के समय अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें।
कमिश्नर ने कहा कि पटवारी निर्धारित आबादी भूमि का चिन्हांकन पटवारी नक्शे के अनुसार करें। उसमें प्रत्येक खसरे में बनाए गए घरों में चिन्ह अंकित करें जिससे ड्रोन सर्वे में पूरा विवरण दर्ज हो सके। सरकारी भूमि पर पूरी आबादी का सर्वे कराएं। सर्वे के बाद गरीब परिवारों को आवासीय भूमि का मालिकाना हक मिलेगा। इससे उन्हें कई तरह की योजनाओं का लाभ मिलना संभव हो सकेगा।
बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि जिले के हर गांव की शासकीय भूमि में बसी हुई आबादी का ड्रोन सर्वे अनिवार्य रूप से कराएं। ड्रोन सर्वे के बाद प्राप्त नक्शे का पटवारी मौके पर जाकर सत्यापन करें। उसमें किसी तरह की त्रुटि होने पर तत्काल प्रतिवेदन दें जिससे नक्शे में सुधार किया जा सके। सभी एसडीएम और तहसीलदार पूरी जिम्मेदारी के साथ सर्वे कराएं। यह प्रधानमंत्री जी तथा मुख्यमंत्री जी की उच्च प्राथमिकता का कार्य है। जिले में शेष बचे गांव में 30 नवम्बर तक अनिवार्य रूप से ड्रोन सर्वे करा लें। समय-सीमा का पालन न करने पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में सर्वे ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि आरडी शाह ने ड्रोन सर्वे, नक्शों के सत्यापन तथा आबादी घोषित करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तहसीलदारों द्वारा जिस भूमि को आबादी घोषित करने के लिए प्रस्ताव कलेक्टर कार्यालय को भेजा गया है वहाँ भी ड्रोन सर्वे कराएं। सर्वे में किसी तरह की कमी रहने पर सर्वे ऑफ इण्डिया द्वारा केवल एक बार सुधार का मौका दिया जाएगा। इसलिए पूरी सावधानी के साथ निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए सर्वे का कार्य संपन्न करें। सर्वे के लिए जिले में 6 टीमें तैनात थीं। अब 6 और टीमें तैनात कर दी गई हैं। सर्वे शुरू होने से पहले पटवारी आबादी भूमि का ठीक से चिन्हांकन कर लें। इसके लिए पटवारी नक्शे को आधार बनाएं। पटवारी नक्शे को इनलार्ज कर उसे सर्वे ऑफ इंडिया के नक्शे से मैच करने का प्रयास न करें। इससे कई कमियाँ रह जाएंगी। दोनों नक्शों के पैमाने में बहुत अंतर है। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े, अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, सभी अनुभागों के एसडीएम, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी उपस्थित रहे।